लखनऊ, 19 मार्च 2025:
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित कमांड सेंटर का जायजा लिया। इसके साथ ही प्रदेश में चल रही परियोजनाओं एवं विभागों के परफॉर्मेंस की समीक्षा की। उन्होंने हिदायत दी कि महज डेटा के भरोसे न रहें पहले जिला व मंत्री स्तर पर डेटा परखें फिर सीएम ऑफिस रिपोर्ट भेजें।
योजनाओं की समीक्षा कर बोले-डेटा की रैंडम चेकिंग होती रहनी चाहिए
अफसरों के साथ हुई बैठक में सीएम का पूरा जोर अफसरों को जमीनी स्तर की हकीकत से रूबरू होने पर रहा। इसी मकसद से उन्होंने कहा कि परफॉर्मेंस का जो डेटा विभाग देते हैं, उनकी रैंडम चेकिंग की जाए। मुख्य सचिव स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठकों में टॉप-10 विभागों और योजनाओं पर चर्चा की जाए। जो विभाग और योजनाएं टॉप पर हैं, उनका प्रजेंटेशन सबके सामने रखा जाए और उन्हें बताया जाए कि किस तरह कार्य करना है और कहां कमी रह गई।
अच्छे लोगों की कमी नहीं छोटे टार्गेट देकर खानापूरी न करें, क्षमता पहचानें
सीएम ने कहा कि जनपद स्तर पर अधिकारी की तैनाती की जाए, जो देखे कि रिपोर्ट में जो डेटा दिया जा रहा है वो कितना सही है। इसके बाद महीने में एक बार मंत्री स्तर पर समीक्षा की जाए और सभी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत की जाएं। केवल छोटे टार्गेट्स देकर खानापूर्ति नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे क्षमता आधारित बनाना चाहिए। अच्छे लोगों की कहीं कोई कमी नहीं है, उन्हें प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
क्वालिटी और ट्रांसपेरेंसी योजनाओं में बनी रहे
विभागों और योजनाओं की मॉनिटरिंग सिर्फ तीन कैटेगरीज- A, B और C के तहत की जानी चाहिए। इसके तहत जनपद स्तर पर प्रतिदिन/अल्टरनेट दिनों में, साप्ताहिक और पाक्षिक समीक्षा की जानी चाहिए। हमारा फोकस क्वॉलिटी पर होना चाहिए। क्वॉलिटी और ट्रांसपेरेंसी दोनों आवश्यक है।
ओडीओपी में विशिष्ट फूड भी जोड़ें, समस्या निस्तारण में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें
MSME विभाग ओडीओपी कार्यक्रम को आगे बढ़ाए। इसमें जनपदों के विशिष्ट फूड को भी जोड़ा जा सकता है। आईजीआरएस पोर्टल पर पंजीकृत शिकायतों में संतुष्टिकरण का प्रतिशत बढ़ना चाहिए।
रेवेन्यू, पुलिस, हेल्थ, जिला प्रशासन, नगर निगम, पंचायती राज व अन्य संबंधित विभाग शिकायतों से जुड़े पक्ष को जवाबदेह बनाएं। समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता में रखते हुए टेक्नोलॉजी का उपयोग करें।