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CM योगी की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का असर : 48 अपराधी मुठभेड़ में ढेर, सात लाख की हुई गिरफ्तारी

UP के DGP राजीव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपराध नियंत्रण, पुलिस की कार्रवाई और उपलब्धियों की जानकारी दी, तीन साल में 1.25 लाख अपराधियों का दोषसिद्ध, 79 को मृत्युदंड की सजा, रेप की घटनाओं में आई गिरावट

लखनऊ, 31 दिसंबर 2025:

साल 2025 के अंतिम दिन यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण मीडिया से रूबरू हुए। पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने प्रदेश में अपराध नियंत्रण को लेकर सरकार और पुलिस की रणनीति, उपलब्धियों और अगले कदमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल करते हुए पुलिस लगातार सक्रिय रही है। इसी वजह से कई मोर्चों पर उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं।

डीजीपी ने बताया कि अपराध पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस तंत्र को कई स्तर पर पुनर्गठित किया गया। उचित लोगों को उचित जगह पर तैनात किया गया, टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग बढ़ाई गई और फील्ड यूनिट्स को ज्यादा स्वतंत्रता दी गई। इसी का परिणाम है कि हर साल लगभग 7 लाख अपराधियों की गिरफ्तारी हो रही है। वर्ष 2025 में हुई कार्रवाई में 48 अपराधी मुठभेड़ में ढेर किए गए जो बीते वर्षों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। वहीं, जुलाई 2023 से अब तक 1,25,985 अपराधियों को दोषसिद्ध कराया गया। इसमें 79 को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।

यौन अपराधों के संदर्भ में उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 की तुलना में रेप की घटनाओं में 53% की गिरावट दर्ज की गई है। मिशन शक्ति के जरिए महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने का ठोस परिणाम मिला है। इस अभियान के तहत हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये 24 घंटे महिला संबंधी मामलों में सहायता, काउंसिलिंग और फीडबैक का काम कर रहे हैं। शारदीय नवरात्रि से शुरू हुई इस पहल के बाद तीन महीने में रेप के मामलों में 33%, अपहरण में 17% और दहेज हत्या में 12% की कमी दर्ज की गई। पुलिस ने महिला सुरक्षा जागरूकता के लिए राज्यभर में 1.5 लाख से अधिक चौपालें लगाईं।

साइबर अपराध पर नियंत्रण को लेकर इस साल कई बड़े कदम उठाए गए। 18 हजार पुलिस कर्मियों को साइबर क्राइम की विशेष ट्रेनिंग दी गई। डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए 77,622 फर्जी नंबर बंद करवाए गए और 17 हजार से अधिक मोबाइल फोन ब्लॉक कराए गए। ANTF ने 331 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 16 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की। इस साल 325 करोड़ रुपए की ठगी गई धनराशि में से 25% रकम फ्रीज कराई गई। पिछले वर्ष यह आंकड़ा सिर्फ 11% था। डीजीपी ने दावा किया कि तकनीकी दक्षता बढ़ने से यह सुधार संभव हुआ है।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि बरेली में इंटरनेशनल अपराध सिंडिकेट्स पर एसटीएफ ने प्रभावी कार्रवाई की। वहीं, यक्ष ऐप के शुभारंभ को उन्होंने पुलिसिंग की दिशा में बड़ा कदम बताया। इस ऐप के जरिए हर बीट सिपाही को अपने क्षेत्र के अपराधियों की जानकारी एक क्लिक पर मिलेगी, जिससे निगरानी और गिरफ्तारी अभियान तेज़ होने की उम्मीद है।

सड़क सुरक्षा के मोर्चे पर भी सुधार की बात कही गई। नई रणनीति के चलते दो महीनों में हादसों में 11.7% और मौतों में 6.08% की कमी आई है। डकैती के मामलों में 91% तक गिरावट, जबकि NCRB के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश अब क्राइम रेट में 20वें स्थान पर है। मेटा अलर्ट सिस्टम की मदद से जनवरी 2023 से अब तक 1779 लोगों को आत्महत्या से बचाया गया।

डीजीपी ने कहा कि आने वाले वर्ष में तकनीक, प्रशिक्षण और त्वरित न्याय पर और जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अपराध नियंत्रण के साथ अपराधियों को सजा दिलाना और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना है।

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