
नई दिल्ली, 17 फरवरी 2025
कांग्रेस ने सोमवार को अपने विदेश प्रभारी सैम पित्रोदा की चीन संबंधी टिप्पणी से दूरी बनाते हुए कहा कि यह पार्टी के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्सिस बैंक मामले में कहा, “चीन के संबंध में सैम पित्रोदा द्वारा कथित तौर पर व्यक्त किए गए विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं।”
यह स्पष्टीकरण तब आया जब पित्रोदा ने कहा कि वे “भारत के सामने चीन से आने वाले खतरे को नहीं समझते।” एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि चीन से खतरे को आमतौर पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, और यह अमेरिका ही है जिसकी “दुश्मन को परिभाषित करने की प्रवृत्ति” है।
रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “चीन हमारी प्राथमिक विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा और आर्थिक चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून, 2020 को पीएम की सार्वजनिक क्लीन चिट भी शामिल है। चीन पर हमारा सबसे हालिया बयान 28 जनवरी, 2025 को था।” पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश के जवाब में पित्रोदा की टिप्पणी की सोमवार को भाजपा ने तीखी आलोचना की।
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की टिप्पणी “भारत की पहचान, कूटनीति और संप्रभुता पर गहरा आघात है।”
भाजपा नेता सुधांशु पांडे ने सैम पित्रोदा की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी चीन पर उनकी पार्टी के रुख को दर्शाती है। उन्होंने पित्रोदा की टिप्पणियों को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के पिछले बयानों से जोड़ा। पांडे ने कहा, “अपनी एक विदेश यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया था कि चुनौतियों के बावजूद चीन ने बेरोजगारी की समस्या का समाधान किया है। लेकिन हकीकत यह है कि चीन की रोजगार दर केवल 24 प्रतिशत है।”






