
आगरा, 2 अगस्त 2025:
अवैध धर्मांतरण गिरोह का सरगना अब्दुल रहमान भारत के साथ नेपाल, म्यांमार और भूटान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी अपने नेटवर्क के माध्यम से धर्मांतरण की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था। पुलिस रिमांड के दौरान गिरोह के चार आरोपियों से पूछताछ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अब इस मामले में आगरा पुलिस के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी जांच में जुट गई हैं।
पुलिस को अब्दुल रहमान की कॉल डिटेल्स से कई संदिग्ध नंबरों की जानकारी मिली है। उनकी जांच की जा रही है कि धर्मांतरण गिरोह के सरगना रहमान को फंडिंग कहां से मिल रही थी और कौन लोग इस नेटवर्क से जुड़े हैं। अब्दुल रहमान मूल रूप से फिरोजाबाद का रहने वाला था। पहले उसका नाम महेंद्र पाल सिंह था। उसने धर्म परिवर्तन के बाद दिल्ली के मुस्तफाबाद में अपना ठिकाना बना लिया था। उसने अपने घर को धर्मांतरण गिरोह का ‘सेफ हाउस’ बना रखा था।
इससे पहले मार्च में आगरा के सदर क्षेत्र की दो बहनें अचानक लापता हो गई थीं। जांच में सामने आया कि वे धर्मांतरण गिरोह के जाल में फंस चुकी थीं। गत 18 जुलाई को पुलिस ने इन्हें कोलकाता के तपसिया क्षेत्र से मुक्त कराया था। इस दौरान पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद दिल्ली से अब्दुल रहमान, उसके दो बेटों और गिरोह के एक अन्य सदस्य को पकड़ा था। रिमांड पर लिए गए गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने समय पूरा होने पर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस और एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं ताकि पूरे गिरोह को उजागर किया जा सके।






