CrimeNationalUttar Pradesh

सजायाफ्ता पूर्व विधायक शेखर तिवारी जेल में ही रहेंगे… समय पूर्व रिहाई याचिका खारिज

लखनऊ, 22 फरवरी 2025:

यूपी के औरैया जिले के बहुचर्चित इंजीनियर मनोज कुमार गुप्ता हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व बसपा विधायक शेखर तिवारी की समय पूर्व रिहाई नहीं होगी। राज्यपाल ने उनकी रिहाई की याचिका नामंजूर कर दी है। शेखर तिवारी के अलावा घटना में शामिल देवेंद्र राजपूत और रामबाबू की याचिकाएं भी खारिज कर दी गई हैं।

2008 में की गई थी पीडब्ल्यूडी इंजीनियर की हत्या

यह मामला 24 दिसंबर 2008 का है, जब तत्कालीन बसपा विधायक शेखर तिवारी ने अपने नौ साथियों के साथ मिलकर पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार गुप्ता का अपहरण कर उनकी पिटाई कर हत्या कर दी थी। 6 मई 2011 को राजधानी की अदालत ने तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे 23 फरवरी 2015 को हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा।

15 साल की सजा काट चुके हैं शेखर तिवारी

शेखर तिवारी 23 फरवरी 2024 तक लगभग 15 साल की सजा काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंदियों की समयपूर्व रिहाई प्रक्रिया के तहत शासन ने औरैया के जिला प्रोबेशन अधिकारी, एसपी और जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें उनकी रिहाई की संस्तुति नहीं की गई।

अपराध की गंभीरता बनी रिहाई में बाधा

प्रोबेशन बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया कि अवैध वसूली और बिल के भुगतान को लेकर रंजिश के चलते शेखर तिवारी ने यह जघन्य अपराध किया था। अपराध की गंभीरता को देखते हुए उनकी रिहाई की संस्तुति नहीं दी जा सकती।

पत्नी और पुलिस अधिकारी भी बने थे आरोपी

इस हाई-प्रोफाइल मामले में शेखर तिवारी की पत्नी को भी सुबूत नष्ट करने के आरोप में दो साल की सजा हुई थी। इसके अलावा, दिबियापुर थाने के तत्कालीन निरीक्षक होशियार सिंह को भी आरोपी बनाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button