
मयंक चावला
आगरा,21 फरवरी 2025:
उत्तर प्रदेश के नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत नेहा नाम की युवती साइबर ठगों के जाल में फंसकर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई और 13.50 लाख रुपये गंवा बैठी। यह ठगी 8 फरवरी से शुरू हुई और चार दिनों तक चलती रही। इस दौरान युवती ठगों के षड्यंत्र में फंसकर अकेले ही मामले को संभालने की कोशिश करती रही। यदि वह समय रहते पुलिस या परिवार के किसी सदस्य से संपर्क करती, तो इस ठगी से बच सकती थी।
आगरा के थाना शाहगंज क्षेत्र के वेस्ट अर्जुन नगर निवासी नेहा को ठगों ने बेहद शातिर तरीके से अपने जाल में फंसाया। कोरियर कंपनी का कर्मचारी बनकर फोन करने वाले ने उसे किसी अन्य व्यक्ति से कनेक्ट कर दिया, जहां उसे पुलिस स्टेशन जैसी आवाजें सुनाई दीं। ठगों ने उसे डराया कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल गोवा समेत कई जगहों पर किया गया है। इसके बाद वीडियो कॉल कर एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में नजर आया, जिसने उसे 90 दिन की रिमांड पर लेने की धमकी दी।
युवती को बताया गया कि उसके आधार कार्ड से बैंकॉक भेजा गया एक कोरियर पकड़ा गया है, जिसमें प्रतिबंधित ड्रग्स, पासपोर्ट, डेबिट कार्ड, लैपटॉप और कपड़े पाए गए हैं। ड्रग्स के झांसे में आकर वह डर गई और नोएडा से आगरा अपने घर आ गई। डर के माहौल में उसने 13.41 लाख रुपये ठगों के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
11 फरवरी को युवती ने पैसे ट्रांसफर किए और अगले दिन नोएडा लौट गई। वहां पहुंचने के बाद उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई है। इसके बाद उसने वापस आगरा जाकर थाना शाहगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर ठग लगातार नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या धमकी भरे मैसेज के तुरंत बाद पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।






