देहरादून, 14 जून 2025:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपने कैंप कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। हादसे में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन भी रखा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ट्रैकिंग अभियान सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा तय करेगा। यह मिशन न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की निगरानी करेगा, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान एवं स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के वीर जवान देश की रक्षा में सदैव अग्रणी रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी वर्ष 1962 से सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आपदा राहत में भी अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी—जैसे शहीदों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करना, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृद्धि, तथा बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो से बढ़ाकर पाँच वर्ष करना।
इसके अतिरिक्त वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट, और बेटियों के विवाह के लिए विशेष अनुदान जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल ने बताया कि अभियान के दौरान दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा तथा 84 वाइब्रेंट विलेज क्षेत्रों से गुजरेगा। इसका उद्देश्य सीमावर्ती गांवों में पर्यटन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। अभियान के दौरान स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे भी वितरित किए जाएंगे। इस मौके पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी गिरीश चन्द्र उपाध्याय सहित आईटीबीपी के जवान उपस्थित रहे।