लखनऊ, 16 नवंबर 2025:
दिल्ली बम धमाके की साजिश में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मेडिकल मॉड्यूल को लेकर लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस मॉड्यूल के कई तार सीधे लखनऊ से जुड़ते दिख रहे हैं। इसी सिलसिले में एटीएस ने चारबाग स्थित एक होटल पर छापा मारकर सीसीटीवी फुटेज और कर्मचारियों से महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाईं। बताया जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार लखनऊ की डॉ. शाहीन के कुछ करीबी इसी होटल में ठहरे थे।
सूत्रों के अनुसार होटल में उन व्यक्तियों के ठहरने का इंतजाम खुद डॉ. शाहीन ने कराया था। जांच टीमें यह पता लगा रही हैं कि ये लोग कहां से आए थे, कितने दिन तक रुके और क्या उन्होंने असली पहचान पत्र दिए थे या फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया था।
जांच में यह भी सामने आया है कि शाहीन ने अपने दस्तावेजों में अपने भाई परवेज के घर का पता दर्ज कराया था। एटीएस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है। इसके साथ ही उसके थाईलैंड जाने की जानकारी ने भी कई नई आशंकाओं को जन्म दिया है।
करीब दो महीने पहले शाहीन लखनऊ पहुंची थी और उसने परवेज से मुलाकात की थी। इसके बाद दोनों कानपुर गए लेकिन शाहीन ने वहां अपने बच्चों से मुलाकात नहीं की। इस जानकारी ने जांच एजेंसियों को और अधिक सतर्क कर दिया है। परवेज की भूमिका हर एंगल से खंगाली जा रही है।
एटीएस को परवेज के ड्यूटी पैटर्न से भी शक की वजह मिली है। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तैनाती के शुरुआती वर्षों में उसने लगातार नाइट शिफ्ट की जिससे दिन में संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने की आशंका गहरी हो गई है। उसके घर से बरामद मोबाइल और हार्ड डिस्क को केंद्रीय एजेंसियों की मदद से डिकोड किया जा रहा है।
जांच में पता चला है कि परवेज तीन साल तक मालदीव में रहा था। माना जा रहा है कि यहीं वह कट्टरपंथियों के संपर्क में आया। अब एजेंसियां उसके मालदीव प्रवास, संपर्कों और उद्देश्य की गहराई से जांच कर रही हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, डॉक्टरों के इस गुप्त नेटवर्क के नए पहलू सामने आ रहे हैं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।





