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देश से गद्दारी और सेना की खूफिया जानकारी लीक करने वाले जासूस को जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

नई दिल्ली, 23 मई 2025

दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश के साथ गद्दारी करने और पाकिस्तान को भारतीय सेना और देश से जुड़ी खूफिया जानकारी देने वाले आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दे कि जांच एजेंसियों ने इस आरोपी में मोहसिन खान नामक स्क्रैप डीलर को गिरफ्तार किया था। मोहसिन खान पर जासूसी गिरोह का हिस्सा होने का आरोप है, और यह कथित तौर पर भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क को भेजी थी। अदालत मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय अखंडता और सुरक्षा से जुड़ा है, जिसे लंबी हिरासत या नियमित वाणिज्यिक लेनदेन के तर्कों से परे रखा जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा, “यह अपराध केवल किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के मूल पर हमला है।” अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि जासूसी के कृत्यों के दूरगामी परिणाम होते हैं और इसके लिए ज़मानत की सख्त जांच की आवश्यकता होती है, खासकर जब यह राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ा हो।

अधिकारियों का दावा है कि खान ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए वित्तीय माध्यम के रूप में काम किया और पोखरण में तैनात एक सैन्यकर्मी से प्राप्त सेना के डेटा को साझा करने में मदद की। हालाँकि खान के वकील ने तर्क दिया कि उनके कार्य – जैसे फोन रिचार्ज करना और पैसे ट्रांसफर करना – वाणिज्यिक थे और षड्यंत्रकारी नहीं थे, लेकिन अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपों की गंभीरता ऐसे दावों से कहीं ज़्यादा है।

अदालत ने माना कि खान करीब चार साल से हिरासत में है, लेकिन कहा कि “काटी गई अवधि” कथित अपराधों की गंभीरता को कम नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति शर्मा ने सशस्त्र बलों की भी प्रशंसा की और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा उनकी निरंतर सतर्कता पर निर्भर करती है। उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट से न्याय के हित में कार्यवाही में तेजी लाने को कहा है।

 

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