नई दिल्ली, 31 मार्च 2025
दिल्ली के एक घर में ईद का जश्न उस समय मातम में बदल गया जब उनकी दो साल की बेटी घर के बाहर सड़क पर खेल रही थी और उसे कुचलकर मार दिया गया। हुंडई वेन्यू कार को 15 साल का एक लड़का चला रहा था, जिससे एक बार फिर यह बात सामने आई कि किस तरह नाबालिगों के वाहन चलाने के खिलाफ़ कानूनों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया जाता है, जिसके कारण अक्सर दुर्घटनाएँ होती हैं।
यह दुर्घटना रविवार को हुई जब बच्ची पहाड़गंज में अपने घर के बाहर गली में खेल रही थी। सीसीटीवी कैमरे की खौफनाक फुटेज में कार धीरे-धीरे आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। ड्राइवर ने बच्ची अनाबिया से करीब एक मीटर की दूरी पर गाड़ी रोक दी। इसके बाद कार फिर से चलने लगी और ड्राइवर को पता ही नहीं चला कि बच्ची उसके रास्ते में है। कार आगे बढ़ गई और बच्ची उसके बाएं आगे के पहिए के नीचे कुचल गई। आसपास खड़े लोग कार की ओर दौड़े, गाड़ी को पीछे किया गया और बच्ची को पहिए के नीचे से निकाला गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि उन्हें पता चला है कि यह गाड़ी पीड़ित परिवार के पड़ोसी की है और दुर्घटना के समय उसका बेटा कार चला रहा था। लापरवाही से गाड़ी चलाने और लापरवाही से मौत का कारण बनने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने किशोर के पिता पंकज अग्रवाल को हिरासत में ले लिया है।
अनाबिया के घर पर हृदय विदारक दृश्य देखने को मिले, जब ईद की खुशियां उसकी बच्ची की दुखद मौत के शोक में बदल गईं।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर नाबालिगों के वाहन चलाने के खिलाफ़ कानूनों के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले साल, पुणे में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी, जब एक किशोर द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने एक बाइक को पीछे से टक्कर मार दी थी। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश फैल गया था, लेकिन दिल्ली की घटना से पता चलता है कि नाबालिगों को गाड़ी चलाने से रोकने के मामले में परिवार अभी भी लापरवाह हैं।