
नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025
ओटिस वर्ल्डवाइड कॉर्पोरेशन की सीईओ और अध्यक्ष जूडी मार्क्स ने भारत में लिफ्टों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम बनाने की वकालत की है। दशकों से भारत में काम कर रही यह कंपनी अब देश के तेजी से बढ़ते लिफ्ट बाजार में अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ा रही है। मार्क्स का कहना है कि सख्त कानून न केवल हादसों को कम करेंगे बल्कि लोगों में जागरूकता भी बढ़ाएंगे।
मार्क्स ने बताया कि भारत ने उन्हें लिफ्टों की मजबूती और ऊर्जा दक्षता पर अधिक ध्यान देने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि भारत में 70 साल से अधिक समय से कार्यरत ओटिस ने अब तक 800 से अधिक शहरों में लिफ्टें लगाई हैं, जबकि देश में कंपनी की पहली लिफ्ट 1892 में कोलकाता के राजभवन में स्थापित की गई थी।
उनके अनुसार, भारतीय बाजार किफायती होने के बावजूद इसमें राजस्व अर्जित करने की चुनौती है। हालांकि, जीवन स्तर में सुधार, बुनियादी ढांचे में निवेश और मध्यम वर्ग के विस्तार के साथ लिफ्टों की मांग तेजी से बढ़ रही है। खासतौर पर वृद्ध आबादी की सुविधा के लिए लोग घरों में भी लिफ्ट लगाने पर विचार कर रहे हैं।
सीईओ ने कहा कि भारत का लिफ्ट उद्योग आधुनिकीकरण के लिए बड़ा अवसर प्रदान करता है। वैश्विक स्तर पर मौजूद 2.2 करोड़ लिफ्टों में से करीब 80 लाख 20 साल से अधिक पुरानी हैं, जिन्हें उन्नत तकनीक से अपडेट करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मध्य पूर्व भी विकास कर रहा है, लेकिन भारत की तरह स्ट्रेंथ और सुरक्षा पर उतना ध्यान नहीं देता।
कंपनी ने भारत सरकार को सहयोग देने का आश्वासन देते हुए कहा कि जितने कड़े नियम होंगे, उतनी सुरक्षित लिफ्टें बनाई जा सकेंगी। इससे दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा व भरोसा मिलेगा।






