हरेन्द्र दुबे
देवरिया, 12 दिसंबर 2024:
उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक के छात्रों ने अपनी दो वर्षों की कड़ी मेहनत और नवाचार के परिणामस्वरूप ‘वायुपुत्र ड्रोन’ का सफलतापूर्वक परीक्षण कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। विकास भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में इस ड्रोन को उड़ाकर इसकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया।
वायुपुत्र ड्रोन विशेष रूप से खेती और आपातकालीन सेवाओं के लिए तैयार किया गया है। इसमें उर्वरक एवं कीटनाशक छिड़काव, मैपिंग, और उच्च क्षमता युक्त कैमरा जैसी विशेषताएं हैं, जो सर्च ऑपरेशन में मददगार साबित हो सकती हैं। 10 किलोग्राम पेलोड क्षमता वाले इस ड्रोन का उपयोग विशेष रूप से गन्ने की खेती और बागवानी में दवा और बूस्टर छिड़काव के लिए किया जाएगा। इसकी निर्माण लागत मात्र 3.25 लाख रुपये है, जो इस वर्ग के व्यावसायिक ड्रोनों की तुलना में एक तिहाई है।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रत्यूष पांडेय ने इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह ड्रोन पूरी तरह से स्थानीय स्तर पर विकसित किया गया है और इसकी लागत अन्य व्यावसायिक ड्रोनों की तुलना में काफी कम है। यह नवाचार देवरिया के छात्रों की क्षमता और उनके समर्पण को दर्शाता है।”
यह परियोजना सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के हैंडहोल्ड सपोर्ट और सीडीओ के मार्गदर्शन में पूरी की गई है। इस ड्रोन का सफल परीक्षण विकास भवन की पार्किंग में किया गया।
छात्रों और शिक्षकों की इस उपलब्धि को क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है।