लखनऊ, 29 दिसंबर 2025:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने साल 2025 में पिछड़ा वर्ग कल्याण को मजबूत आधार और नई दिशा दी है। शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण जैसे अहम क्षेत्रों में सरकार की योजनाएं न सिर्फ लगातार लागू रहीं, बल्कि पहले की तुलना में ज्यादा असरदार भी साबित हुईं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि योगी सरकार की नीतियां समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक सीधे पहुंच रही हैं।
सीएम योगी नेतृत्व में यह कल्याण कार्य केवल योजनाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शिक्षा, सम्मान और कौशल विकास के जरिए सामाजिक सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम बना है। यही परिणाम-केंद्रित कार्यशैली उत्तर प्रदेश को सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की राह पर आगे बढ़ा रही है।
योगी सरकार ने वर्ष 2025-26 में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए रिकॉर्ड स्तर पर छात्रवृत्तियां दीं। पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के तहत 6 लाख 90 हजार 349 छात्रों को 147.75 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जबकि दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना से 5 लाख 85 हजार 954 छात्रों को 175.54 करोड़ रुपये का लाभ मिला। इस तरह एक ही वर्ष में 12 लाख 76 हजार 303 विद्यार्थियों को कुल 323.29 करोड़ रुपये की सीधी मदद पहुंचाई गई। बीते नौ वर्षों में योगी सरकार अब तक 2 करोड़ 20 लाख से अधिक छात्रों को 13,858.62 करोड़ रुपये की सहायता दे चुकी है।
पिछड़ा वर्ग की बेटियों के सम्मान और सामाजिक सुरक्षा के लिए शादी अनुदान योजना योगी सरकार की संवेदनशील सोच को दर्शाती है। वर्ष 2025-26 में (23 दिसंबर 2025 तक) इस योजना के तहत 72 हजार 296 बेटियों को 144.59 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। इससे पहले 2019-20 और 2024-25 में एक-एक लाख बेटियों को 200-200 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। कुल मिलाकर नौ वर्षों में 6 लाख 47 हजार 863 लाभार्थियों को 1,295.72 करोड़ रुपये की मदद दी गई। यह योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख रुपये तक की आय वाले अन्य पिछड़ा वर्ग परिवारों की बेटियों की शादी के लिए लागू है, जिसमें लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गई है।
युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में योगी सरकार ने डिजिटल प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया है। वर्ष 2025-26 में (23 दिसंबर 2025 तक) कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत 18,159 युवक और 4,233 युवतियां, कुल 22,392 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिस पर 19.18 करोड़ रुपये खर्च हुए। यह योजना लगातार विस्तार पा रही है। जहां 2017-18 में 9,431 युवाओं को प्रशिक्षण मिला था, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 29,769 हो गई। नौ वर्षों में कुल 1 लाख 62 हजार से अधिक युवाओं को 154.56 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल रूप से प्रशिक्षित किया गया। इनमें ओ लेवल और सीसीसी सर्टिफिकेट के लिए प्रशिक्षण पाने वाले बड़ी संख्या में शामिल हैं। योजना के तहत इंटरमीडिएट पास बेरोजगार युवक-युवतियों को नीलिट से मान्यता प्राप्त संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
योगी सरकार की सभी योजनाओं में लाभ सीधे डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में पहुंचाया गया, जिससे पारदर्शिता बढ़ी और भ्रष्टाचार की संभावना लगभग समाप्त हो गई। पिछड़ा वर्ग कल्याण के क्षेत्र में यह समग्र और जवाबदेह दृष्टिकोण उत्तर प्रदेश को सामाजिक सशक्तिकरण की मजबूत दिशा में आगे ले जा रहा है।






