नई दिल्ली | 4 अगस्त 2025
कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सोनिया गांधी के 2004 में प्रधानमंत्री पद ठुकराने के फैसले का उल्लेख करते हुए राजनीतिक त्याग का महत्व बताया। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के प्रति अप्रत्यक्ष संदेश माना जा रहा है।
दिल्ली में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘संवैधानिक चुनौतियां’ कार्यक्रम में डीके शिवकुमार ने गांधी परिवार की सराहना करते हुए कहा, “जब राष्ट्रपति ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने को कहा, तो उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है।’ उन्होंने एक सिख, अल्पसंख्यक और एक अर्थशास्त्री को देश की बागडोर सौंप दी।”
शिवकुमार ने आगे कहा, “क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा त्याग किया है? आज लोग पंचायत स्तर तक की सत्ता नहीं छोड़ते। कुछ विधायक और मंत्री पॉवर शेयर करते हैं, लेकिन हममें से कुछ लोग इसे स्वीकार भी नहीं करते।”
कर्नाटक में शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच सत्ता साझा करने को लेकर अंदरूनी खींचतान की चर्चा लंबे समय से है। सिद्धारमैया पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई समझौता नहीं हुआ है और वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
शिवकुमार की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पार्टी के अंदरूनी मतभेद सार्वजनिक रूप से उजागर हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का इतिहास ही भारत का इतिहास है और गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है।
कार्यक्रम के समापन पर उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे एकजुट रहकर आगामी आम चुनावों में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम करें।
इस बयान को कांग्रेस नेतृत्व में एकता बनाए रखने की कोशिश के साथ-साथ अपनी राजनीतिक भूमिका की ओर इशारा करने के रूप में भी देखा जा रहा है।