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ओलिंपिक दावेदारी के बीच बढ़ी चिंता, डोपिंग में तीसरी बार दुनिया में नंबर वन भारत! इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

वाडा की रिपोर्ट में 2024 के दौरान 260 पॉजिटिव मामलों के साथ भारत लगातार तीसरी बार डोपिंग में शीर्ष पर रहा। खासकर तब, जब देश ओलिंपिक की मेजबानी का सपना देख रहा है

खेल डेस्क, 18 दिसंबर 2025 :

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) की ताजा रिपोर्ट भारत के लिए एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है। साल 2024 में भारत लगातार तीसरी बार दुनिया में सबसे ज्यादा डोपिंग मामलों वाला देश रहा। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खिलाड़ियों के कुल 260 सैंपल डोपिंग जांच में पॉजिटिव पाए गए, जो किसी भी अन्य देश से अधिक हैं। यह आंकड़ा ऐसे समय सामने आया है, जब भारत वैश्विक खेल मंच पर बड़ी जिम्मेदारियां संभालने की तैयारी कर रहा है।

ओलिंपिक दावेदारी के बीच बढ़ी चिंता

डोपिंग को लेकर यह रिपोर्ट भारत के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि देश 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की तैयारी में जुटा है और 2036 ओलिंपिक की मेजबानी के लिए भी दावेदारी पेश कर चुका है। इसी साल जुलाई में जब भारतीय प्रतिनिधिमंडल लॉजेन गया था, तब इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी ने भारत में डोपिंग के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी। यह संकेत माना जा रहा है कि डोपिंग भारत की वैश्विक छवि को प्रभावित कर सकता है।

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आंकड़ों में क्या कहती है सच्चाई?

नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने वर्ष 2024 में कुल 7,113 डोपिंग टेस्ट किए। इनमें 6,576 यूरिन और 537 ब्लड सैंपल शामिल थे। इन जांचों में 260 मामले पॉजिटिव पाए गए, जिससे डोपिंग की दर 3.6 प्रतिशत रही। जिन देशों में 5,000 से ज्यादा डोपिंग टेस्ट हुए, उनमें यह सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट है, जिसने रिपोर्ट को और गंभीर बना दिया।

नाडा की सफाई और पुराने आंकड़े

NADA का कहना है कि ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आने का मतलब यह नहीं है कि खिलाड़ियों में डोपिंग बढ़ी है। एजेंसी के अनुसार, सख्त निगरानी और बेहतर टेस्टिंग सिस्टम के कारण अधिक मामले पकड़ में आए हैं। नाडा ने बताया कि 2023 में 5,606 सैंपल की जांच में 213 केस सामने आए थे। वहीं 2025 में अब तक 7,068 टेस्ट हो चुके हैं, जिनमें सिर्फ 110 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं और पॉजिटिविटी रेट घटकर 1.5 प्रतिशत रह गया है।

सुधार की कोशिशें, फिर भी चेतावनी

रिपोर्ट में भारतीय खेल व्यवस्था की कुछ कमजोरियों की ओर भी इशारा किया गया है। इनमें वैज्ञानिक रिसर्च की कमी और कोच, डॉक्टर तथा फिजियोथेरेपिस्ट को दवाओं और सप्लीमेंट्स की पूरी जानकारी न होना शामिल है। डोपिंग रोकने के लिए सरकार ने नेशनल एंटी डोपिंग बिल पास किया है और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने नया एंटी डोपिंग पैनल बनाया है। नाडा ने 2024 में 280 जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कीं, जिनमें करीब 37 हजार लोग शामिल हुए। इसके बावजूद यह रिपोर्ट भारत के लिए एक गंभीर चेतावनी मानी जा रही है।

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