Health

एनीमिया से लड़ाई में सहजन बना संजीवनी

लखनऊ, 21 जनवरी 2025:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए सहजन को महत्वपूर्ण हथियार बनाने का फैसला किया है। सहजन, जिसे मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, पोषण और औषधीय गुणों का खजाना है। इसके पत्ते, फल और बीज आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो रक्त निर्माण और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं।

सहजन के स्वास्थ्य लाभ
सहजन का उपयोग एनीमिया के लक्षणों को कम करने में विशेष रूप से प्रभावी माना गया है। इसका नियमित सेवन न केवल आयरन की कमी को पूरा करता है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
• सहजन के पत्तों का पाउडर दूध या अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
• इसे सलाद, सूप या पत्तेदार सब्जी के रूप में भी खाया जा सकता है।
• पत्तियों को सुखाकर चूर्ण के रूप में प्रयोग करें और सब्जी या आटे में मिलाएं।

राष्ट्रीय पोषण माह में विशेष जागरूकता अभियान

सहजन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान जागरूकता अभियान शुरू किया है। सहजन के फायदे बताने वाले पोस्टर और बैनर गोरखपुर, वाराणसी और झांसी के 35 ब्लॉकों में लगाए जाएंगे। इसके साथ ही आंगनबाड़ी और स्कूलों में वॉल पेंटिंग के जरिए भी जानकारी दी जाएगी।
यह अभियान न केवल महिलाओं और बच्चों के पोषण में सुधार लाएगा, बल्कि एनीमिया से निपटने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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