नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2025:
संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे… का स्लोगन भारत में सेहतमंद भोजन का प्रतीक रहा है लेकिन अब इसी डेली डाइट को लेकर चिंता गहराने लगी है। अंडों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। इसकी वजह है प्रतिबंधित एंटीबायोटिक नाइट्रोफुरन के संभावित अवशेष। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस गंभीर आशंका को देखते हुए देशभर में अंडों के सैंपल टेस्टिंग के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में मिली कुछ शिकायतों में यह दावा किया गया कि बाजार में बिक रहे अंडों में नाइट्रोफुरन जैसे खतरनाक रसायन के अवशेष पाए जा सकते हैं। नाइट्रोफुरन एंटीबायोटिक दवाओं का एक समूह है। इसका उपयोग खाद्य पशुओं और पोल्ट्री में पूरी तरह प्रतिबंधित है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसका इस्तेमाल मुर्गियों के इलाज या ग्रोथ बढ़ाने के लिए किया जाता है तो इसके अवशेष सीधे अंडों में पहुंच सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि नाइट्रोफुरन का लंबे समय तक सेवन बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए FSSAI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे ब्रांडेड कंपनियों के साथ-साथ खुले बाजार में बिकने वाले अंडों के नमूने भी इकट्ठा करें।
इन नमूनों को मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा, जहां विशेष रूप से नाइट्रोफुरन के अवशेषों की जांच की जाएगी। इस जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि समस्या कितनी व्यापक है और क्या यह किसी खास क्षेत्र या सप्लाई चेन तक सीमित है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कुछ अंडा उत्पादक कंपनियों ने अपनी आंतरिक जांच रिपोर्ट में दावा किया है कि उनके उत्पादों में किसी भी तरह का प्रतिबंधित एंटीबायोटिक नहीं पाया गया है। हालांकि सरकार का कहना है कि स्वतंत्र और सरकारी जांच के नतीजों के बाद ही स्थिति पूरी तरह साफ होगी।
इस बीच आम उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे अंडे केवल विश्वसनीय, पंजीकृत और भरोसेमंद विक्रेताओं से ही खरीदें। बहुत सस्ते या संदिग्ध स्रोतों से आने वाले अंडों से बचने की सलाह दी गई है, खासकर बच्चों के भोजन में अंडों का इस्तेमाल करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है।






