
नई दिल्ली, 27 जून 2025
भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) ने राजनीतिक दलों पर एक बड़ी कार्यवाई करते हुए 345 राजनीतिक दलों को भंग कर दिया है। जानकारी अनुसार यह कार्यवाई उन दलों के खिलाफ की गई है जो राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत हैं, लेकिन पिछले छह वर्षों में एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। इस संबंध में, चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि उसने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपीएस) की पहचान की है और उन्हें रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है।
चुनाव आयोग ने पहचान की है कि इन दलों ने 2019 के बाद से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया है। इसने कहा कि ये दल, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत हैं, केवल कागजों तक ही सीमित हैं और उनके पास कार्यालय भी नहीं हैं। इसने कहा कि यह कहने के लिए कोई सबूत नहीं है कि ये दल सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। यह इस संदर्भ में है कि वह उन्हें हटाने के लिए तैयार है। इसने यह भी कहा कि आरयूपीपी प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। ऐसा लगता है कि संबंधित दलों को जल्द ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। संबंधित दलों का स्पष्टीकरण लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान में चुनाव आयोग के पास 2800 से ज़्यादा गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल हैं। हालांकि, इनमें से कई दल ज़रूरी नियमों का पालन नहीं करते हैं। पार्टियों की पहचान के लिए पूरे देश में एक प्रक्रिया चलाई गई और उनमें से 345 की पहचान की गई। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया को और ज़्यादा पारदर्शी बनाने के लिए इन दलों को हटाया जा रहा है। इस बीच, किसी पार्टी को आधिकारिक तौर पर राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता मिलने के लिए आम चुनावों में डाले गए वोटों का लगभग 6 प्रतिशत जीतना ज़रूरी है। या फिर उसे विधानसभा या संसद के चुनावों में एक निश्चित संख्या में सीटें जीतनी होंगी।






