
नई दिल्ली | 25 जुलाई 2025
भारत से नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या हर साल बढ़ रही है और 2024 में यह आंकड़ा 2 लाख से ऊपर पहुंच गया। राज्यसभा में विदेश मंत्रालय द्वारा गुरुवार को पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 में कुल 2,06,378 भारतीयों ने स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता का त्याग किया।
हालांकि यह आंकड़ा 2023 (2,16,219) और 2022 (2,25,620) से थोड़ा कम है, फिर भी यह 2019, 2020 और 2021 की तुलना में काफी ज्यादा है। 2020 में जहां केवल 85,256 लोगों ने नागरिकता छोड़ी थी, वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 1,63,370 हो गई थी।
राज्यसभा में सवाल किया गया था कि क्या विदेश मंत्रालय को इस बात की जानकारी है कि नागरिकता त्यागने के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके जवाब में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने पिछले छह वर्षों का विस्तृत डेटा साझा किया।
सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या नागरिकता त्यागने के सभी मामलों की जांच होती है। मंत्रालय ने बताया कि नागरिकता छोड़ने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। इसके लिए नागरिक को https://www.indiancitizenshiponline.nic.in पर आवेदन करना होता है, जिसके बाद उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। यह जानकारी संबंधित विभागों को भेजी जाती है जो 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देते हैं।
सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नागरिक को 60 दिनों के भीतर “Renunciation Certificate” ऑनलाइन प्रदान किया जाता है। इसके बाद भारतीय नागरिकता से संबंधित सभी दस्तावेज जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को संबंधित विभागों में जमा कराना होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर जीवनशैली, विदेशों में करियर के अवसर और ड्यूल सिटिजनशिप की सुविधा भारतीयों को भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। हालांकि सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई विशेष नीति परिवर्तन का संकेत नहीं दिया है।