
नई दिल्ली, 25 मार्च 2025
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में मिले कैश के मामले की जांच अब तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले में एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है, जो आज जस्टिस वर्मा के घर पहुंची। इस टीम में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। यह पैनल यह तय करेगा कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई की जानी चाहिए या नहीं।
फैक्ट फाइंडिंग पैनल के पास तीन संभावित रिपोर्ट विकल्प हैं—पहला, आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और कार्रवाई की जरूरत नहीं; दूसरा, आरोप गंभीर हैं और जस्टिस वर्मा के खिलाफ कदाचार के लिए कार्यवाही शुरू करनी चाहिए; तीसरा, आरोपों में सार है, लेकिन कदाचार इतना गंभीर नहीं है कि हटाने की जरूरत हो। यह पैनल अपनी रिपोर्ट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना को सौंपेगा, जो आगे की कार्रवाई करेंगे।
14 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लगी थी। इस आग को बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को घर में कई बैग मिले, जिनमें भारी मात्रा में कैश था। इनमें से कई नोट जल गए थे। इस घटना के बाद यह मामला सार्वजनिक हुआ और जांच तेज हुई।






