मुंबई,3 फरवरी 2025:
विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) बाजार में आज अंतरबैंक लेनदेन में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 87.00 के स्तर पर खुला और शुरुआती कारोबार में गिरकर 87.29 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि शुक्रवार को रुपया 86.62 के स्तर पर बंद हुआ था।
ट्रम्प प्रशासन के अतिरिक्त व्यापार शुल्क ने बढ़ाई चिंता
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कनाडा और मैक्सिको पर 25% तथा चीन पर 10% अतिरिक्त व्यापार शुल्क लगाए जाने के निर्णय ने वैश्विक बाजारों में अशांति फैलाई है। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, यह कदम एक संभावित “विनाशकारी वैश्विक व्यापार युद्ध” की पहली चिंगारी हो सकता है।
विदेशी निवेशकों के निकासी और डॉलर की मांग से दबाव
रुपया लगातार विदेशी निवेशकों की निकासी के कारण भी दबाव में है। केवल शनिवार को ही विदेशी संस्थानों ने 1,327.09 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश की निकासी की। इसके अलावा, तेल आयातकों की डॉलर मांग और वैश्विक बाजार में जोखिम से बचाव के रुख ने अमेरिकी मुद्रा को मजबूती दी है।
कच्चे तेल और डॉलर सूचकांक में उछाल
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव वायदा व्यापार में 0.71% बढ़कर $76.21 प्रति बैरल हो गया। वहीं, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत मापने वाला डॉलर इंडेक्स 1.30% की वृद्धि के साथ 109.77 पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा भंडार में उतार-चढ़ाव
RBI के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 24 जनवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.574 बिलियन डॉलर बढ़कर 629.557 बिलियन डॉलर हो गया। हालांकि, यह भंडार पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट के रुख में है और समग्र रूप से 1.888 बिलियन डॉलर घटकर 623.983 बिलियन डॉलर रह गया है। इस गिरावट का कारण मुद्रा पुनर्मूल्यांकन और RBI द्वारा रुपये की अस्थिरता को कम करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप बताया गया है।
विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की गतिविधियां वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, तेल की कीमतों और केंद्रीय बैंक के कदमों से प्रभावित हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI के सक्रिय हस्तक्षेप से रुपये में अत्यधिक उतार-चढ़ाव पर नियंत्रण संभव होगा।