गुवाहाटी, 5 जून 2025
असम में जारी बारिश से राज्य में लगातार स्थिति बिगड़ते जा रही है। बारिश के बाद बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए है। फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई, साथ ही इस आफत भरी बाढ़ ने कई लोगों की जान भी ले ली है। बीते बुधवार जब बारिश से थोड़ी राहत मिली तो पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, पर अभी भी हालात पूरी तरह से बेहतर नहीं हुए हैं। वहीं इन बिगड़ते हालातों में अधिकारियों ने बताया कि असम में दो और मौतों के साथ ही सिक्किम को छोड़कर इस क्षेत्र के सात राज्यों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 29 मई से जारी बारिश और बाढ़ के दौरान हुई 46 मौतों में से असम में कम से कम 19 लोग मारे गए, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 12, मेघालय में छह, मिजोरम में पांच, त्रिपुरा में दो तथा नगालैंड और मणिपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। सिक्किम को छोड़कर सात पूर्वोत्तर राज्यों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, ये मौतें डूबने, भूस्खलन, जलभराव और अन्य आपदा-संबंधी दुर्घटनाओं के कारण हुईं।असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, असम में 21 जिलों में बाढ़ और बारिश से 6.79 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
एएसडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, 21 जिलों के 1,494 गांवों में 14,977 हेक्टेयर से अधिक फसल भूमि प्रभावित हुई। हालांकि पूर्वोत्तर राज्य में मंगलवार और बुधवार को कोई नई मौत नहीं हुई, लेकिन पिछले सप्ताह से पांच जिलों – पूर्वी कामेंग, लोअर सुबनसिरी, लोंगडिंग, लोहित और अंजॉ में मानसून की बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ के कारण अब तक महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की जान चली गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) की रिपोर्ट के अनुसार, दिबांग घाटी और अंजॉ जिलों में तथा मागी और सिजी के पास लिकाबाली-आलो राजमार्ग पर ताजा भूस्खलन की सूचना मिली है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है। एसईओसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश में बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से 3,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश के 26 जिलों में से चांगलांग सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जिसके छह गांव जलमग्न हो गए हैं और 2,231 लोग बेघर हो गए हैं। चांगलैंड में नोआ-देहिंग नदी के पास ज़ुप्रा और रिवर कैफ़े जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।गुवाहाटी स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान लगाया है, जिससे आगे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
धुबरी, दक्षिण सलमारा-मनकाचर, ग्वालपाड़ा और कोकराझार जैसे जिलों में भी गरज के साथ बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है। हाल ही में दो मौतें नागांव और कछार जिलों से हुई हैं, जबकि कछार में एक व्यक्ति अभी भी लापता है।
प्रभावित लोगों की संख्या मंगलवार को 6.5 लाख से बढ़कर बुधवार को 6,79,423 हो गई, जिसका असर 66 राजस्व सर्किल और 1,494 गांवों पर पड़ा है। श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित जिला बना हुआ है, जहां 2.59 लाख से अधिक निवासी प्रभावित हैं, इसके बाद हैलाकांडी (1.72 लाख) और नागांव (1.02 लाख) का स्थान है।
41,000 से ज़्यादा लोगों को 190 राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जबकि पूरे राज्य में 215 राहत वितरण केंद्र चालू हैं। बाढ़ के पानी ने लगभग 15,000 हेक्टेयर फसल भूमि को जलमग्न कर दिया है, जिससे कृषि गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। एएसडीएमए बुलेटिन में सड़कों, पुलों, शैक्षणिक संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों और बिजली बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान पर भी प्रकाश डाला गया।
शहरी बाढ़ का असर दो जिलों पर जारी है, जिससे 1,000 से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। दक्षिणी असम, ख़ास तौर पर सिलचर में रेल सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने पटरियों पर बढ़ते जल स्तर और प्रमुख रखरखाव क्षेत्रों में जलभराव के कारण व्यवधान की पुष्टि की। राज्य में बाढ़ की स्थिति बिगड़ने के कारण कई क्षेत्रों में सड़क और नौका संपर्क भी प्रभावित हुआ है।