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कौन-सा फूल चढ़ाते ही दूर हो जाती हैं सभी परेशानियां? जानिए दुर्गाष्टमी केअद्भुत रहस्य

पंचांग के अनुसार 28 नवंबर को मनाई जा रही मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को उनके प्रिय फूल अर्पित करने से सौभाग्य, समृद्धि और हर काम में सफलता मिलती है।

लखनऊ, 28 नवंबर 2025 :

हिंदू धर्म में हर माह मनाई जाने वाली मासिक दुर्गाष्टमी बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत रखने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं। इस बार मार्गशीर्ष मास की मासिक दुर्गाष्टमी 28 नवंबर 2025 को निशीथ काल में मनाई जा रही है। श्रद्धालु इस अवसर पर मां दुर्गा की विशेष पूजा करते हैं और व्रत का संकल्प लेकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

मासिक दुर्गाष्टमी कब मनाई जाएगी?

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल अष्टमी तिथि 28 नवंबर की रात 12:29 बजे शुरू होकर 29 नवंबर की रात 12:15 बजे समाप्त होगी। क्योंकि मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व रात के समय माना जाता है, इसलिए मासिक दुर्गाष्टमी 28 नवंबर को ही मनाई जा रही है।

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spiritual secret of Durga Ashtami rituals.

मां दुर्गा किन फूलों से होती हैं प्रसन्न?

शास्त्रों में साफ उल्लेख है कि मां दुर्गा कुछ खास फूलों से तुरंत प्रसन्न होती हैं। इन्हें अर्पित करने से भक्तों को सौभाग्य, सफलता और शांति का आशीर्वाद मिलता है।

देवी पुराण के अनुसार लाल गुड़हल का फूल मां दुर्गा को सबसे अधिक प्रिय है। इसे चढ़ाने से सौभाग्य बढ़ता है और हर मनोकामना पूरी होने लगती है। इसके अलावा गेंदे का फूल अर्पित करने से मां दुर्गा बुद्धि, ज्ञान और धन की बरकत देती हैं। यह फूल घर के वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर करता है।

गुलाब चढ़ाने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। मां दुर्गा को गुलाब अत्यंत प्रिय माना जाता है। और मां को हरसिंगार के फूल अर्पित करने से बड़ी परेशानियां दूर होती हैं। यह फूल मानसिक शांति देने और करियर में आगे बढ़ने में सहायक माना जाता है।

मां दुर्गा कमल पर विराजमान होती हैं, इसलिए कमल का फूल चढ़ाने से हर काम में सफलता मिलती है और जीवन की रुकावटें दूर हो जाती हैं।

कैसे करें मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा?

इस दिन दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या कोई भी दुर्गा स्तुति पढ़ना शुभ माना जाता है। माता के मंत्र-“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का 108 बार जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। अंत में मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद बांटें। अगले दिन नवमी तिथि पर ब्राह्मणों को दान देकर व्रत का पारण किया जाता है।

मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी पर विधि-विधान से की गई पूजा सब संकटों को दूर करती है और भक्त के जीवन में सुख, शांति और सफलता का मार्ग खोल देती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। Thehohalla इसकी पुष्टि पर कोई दावा नहीं करता है।

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