लखनऊ, 15 दिसंबर 2025:
उत्तर भारत में सर्दी के साथ-साथ कोहरे ने भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई है। इससे हाईवे पर हादसों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। खासकर रात और सुबह के समय टोल प्लाजा व हाईवे पर पीछे से टक्कर लगने की घटनाएं आम हो गई हैं। इन हादसों पर रोक लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है।
एनएचएआई ने कोहरे के दौरान सड़क सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों और हाईवे पर घूमने वाले गोवंश व अन्य पशुओं के सींगों पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जा रहे हैं। यह अभियान कम से कम दो से तीन सप्ताह तक चलेगा। रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप हेडलाइट की रोशनी पड़ते ही दूर से चमकने लगते हैं। इससे कम दृश्यता में भी वाहन और पशु समय रहते नजर आ सकेंगे।

एनएचएआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय से जारी पत्र में सभी टोल प्लाजा ऑपरेटरों को इस अभियान को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि कोहरे के कारण नेशनल हाईवे पर दृश्यता बेहद कम हो जाती है। टोल प्लाजा क्षेत्रों में वाहन स्वाभाविक रूप से धीमी गति से चलते हैं, जबकि पीछे से आने वाले तेज रफ्तार वाहन अचानक ब्रेक या दृश्यता न मिलने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
इस पहल के साथ ही जिलों में पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। यातायात पुलिस द्वारा हाईवे से गुजरने वाले वाहनों पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जा रहे हैं। हाथरस में एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा स्वयं यातायात पुलिस टीम के साथ सड़क पर उतरे और ट्रैक्टर-ट्रॉली, एंबुलेंस, ट्रक समेत अन्य वाहनों पर नई रिफ्लेक्टर टेप लगवाई। इस दौरान वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक भी किया गया।
एसपी ने बताया कि रात के समय होने वाले हादसों को रोकने के लिए पुरानी और खराब टेप हटाकर नई रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाई जा रही है। इससे वाहनों की दृश्यता बढ़ती है और अन्य चालक उन्हें आसानी से देख सकते हैं। यह अभियान न केवल दुर्घटनाओं को कम करने के साथ सर्दी के मौसम में हाईवे पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।






