
बेंगलुरु, 21 अप्रैल 2025
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की रविवार को बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई।68 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी को बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट में उनके घर पर खून से लथपथ पाया गया। 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश ने 2015 में कर्नाटक के 38वें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में कार्य किया था।
सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि हत्या परिवार के किसी करीबी सदस्य ने की होगी। पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि यह हत्या पारिवारिक विवाद के चलते की गई।उन्होंने बताया कि पुलिस को फिलहाल उसकी पत्नी की संलिप्तता पर संदेह है। सूत्रों ने बताया कि ओम प्रकाश की पत्नी ने ही पुलिस को घटना की जानकारी दी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सेंट जॉन अस्पताल भेज दिया गया है।
पुलिस ने घर से अपराध में इस्तेमाल चाकू जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश पर तीन बार चाकू से वार किया गया।
ओम प्रकाश बिहार के चंपारण से थे। अपने करियर के दौरान, उन्होंने होम गार्ड के कमांडेंट जनरल के रूप में कार्य किया और अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, नागरिक अधिकार प्रवर्तन और अन्य विभागों में काम किया। उन्होंने राज्य सतर्कता आयोग, कर्नाटक लोकायुक्त और आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में भी काम किया था। इसके अलावा, उन्होंने परिवहन आयुक्त का पद भी संभाला और करवार जिले के भटकल क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव से निपटने के लिए उन्हें प्राथमिकता दी गई।
वे बेंगलुरु में हुए दो बड़े आतंकवादी हमलों की जांच में शामिल थे। उन्होंने 17 अप्रैल 2013 को भाजपा मुख्यालय के पास हुए बम विस्फोट और 28 दिसंबर 2014 को चर्च स्ट्रीट बम विस्फोट मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई थी।






