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Reading: अकबर से औरंगजेब तक: मुगलों ने भारत में दोस्ती के नाम पर किया विश्वासघात?
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The Ho Halla > Blog > National > अकबर से औरंगजेब तक: मुगलों ने भारत में दोस्ती के नाम पर किया विश्वासघात?
National

अकबर से औरंगजेब तक: मुगलों ने भारत में दोस्ती के नाम पर किया विश्वासघात?

mahi rajput
Last updated: August 2, 2025 9:47 am
mahi rajput 1 month ago
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नई दिल्ली, 1 अगस्त 2025:
भारत का इतिहास केवल युद्धों और सत्ता संघर्षों का नहीं, बल्कि छल-कपट और दोस्ती के नाम पर किए गए विश्वासघातों का भी रहा है। मुगलों ने 1526 से 1857 तक भारत पर शासन किया, लेकिन इस लंबे काल में उन्होंने सत्ता पाने के लिए जिन शासकों से दोस्ती की, बाद में उन्हें ही धोखा भी दिया।

अकबर को राजपूतों के साथ वैवाहिक संबंधों और कूटनीति के लिए जाना जाता है। आमेर के राजा भारमल की बेटी जोधा बाई से विवाह कर उन्होंने कई राजपूतों को अपने दरबार में उच्च पदों पर नियुक्त किया। लेकिन जब महाराणा प्रताप ने अधीनता स्वीकार करने से इनकार किया, तो अकबर ने हल्दीघाटी में युद्ध छेड़ दिया। वहीं बंगाल, गुजरात और कश्मीर के नवाबों से पहले संधियां हुईं और बाद में हमला कर उन्हें अधीन किया गया।

जहांगीर ने मेवाड़ के अमर सिंह से संधि की, लेकिन इस शर्त पर कि मेवाड़ की स्वतंत्रता खत्म हो जाए। शाहजहां ने बीजापुर और गोलकुंडा जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से संबंध बनाए, फिर उन्हें ही खत्म कर दिया।

औरंगजेब के शासनकाल में तो यह नीति और भी अधिक सख्त और धोखेबाज साबित हुई। उसने अपने ही पिता शाहजहां को बंदी बनाया, भाइयों को मरवा दिया। मराठा शासक शिवाजी से पहले दोस्ती की पेशकश की और फिर आगरा बुलाकर बंदी बना लिया। हालांकि शिवाजी चतुराई से भाग निकले, पर यह मुगलों की छल-पूर्ण नीतियों का बड़ा उदाहरण था।

मुगलों ने बार-बार संधियों के बाद जब राजाओं की स्थिति कमजोर पाई, तो उन्हीं पर हमला कर दिया। उनकी ‘पहले दोस्ती फिर हमला’ की नीति से भारतीय उपमहाद्वीप में न केवल राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी, बल्कि एकता की कमी ने विदेशी शक्तियों को भी भारत पर अधिकार जमाने का अवसर दिया।

TAGGED:From Akbar to Aurangzeb: Betrayed by the Mughals in the Name of Friendship in India?
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