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परंपरा से टेक्नोलॉजी तक : स्मार्ट खेती कर UP के किसान लिख रहे समृद्धि की नई कहानी

योगी सरकार की नीतियों से खेती बनी लाभकारी उद्यम, बाराबंकी के पद्मश्री रामसरन वर्मा प्रेरणास्रोत बनकर उभरे, आय बढ़ाने के लिए टिश्यू कल्चर, फसल चक्र और वैज्ञानिक तरीके अपनाने की सलाह

लखनऊ, 15 दिसंबर 2025:

यूपी में खेती तेजी से परंपरागत ढर्रे से निकलकर आधुनिक, तकनीक आधारित और लाभकारी मॉडल की ओर अग्रसर हो रही है। फसल पुनर्चक्रण, टिश्यू कल्चर, सहकारिता और वैज्ञानिक खेती जैसे नवाचारों ने प्रदेश के किसानों को नई दिशा दी है। सरकारी प्रोत्साहन और तकनीकी सहयोग के चलते खेती अब केवल आजीविका का साधन नहीं बल्कि एक संगठित और लाभकारी उद्यम बनती जा रही है।

इसका सकारात्मक प्रभाव किसानों की आय, उत्पादन क्षमता और बाजार तक पहुंच में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। प्रदेश के प्रगतिशील किसानों के लिए बाराबंकी के पद्मश्री रामसरन वर्मा प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं। बीते 32 वर्षों से नवाचारी खेती कर रहे रामसरन वर्मा का मानना है कि लघु और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए टिश्यू कल्चर, फसल चक्र और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना अनिवार्य है।

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उनका कहना है कि संतुलित फसल चक्र अपनाने से जोखिम कम होता है। आय के कई स्रोत विकसित होते हैं। सहकारिता और बटाई मॉडल के जरिए छोटे किसानों को भी बड़े स्तर पर खेती से जोड़ने में सफलता मिली है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।

आज प्रदेश में किसान एकल फसल के बजाय विविध फसलों पर आधारित खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं। केला, टमाटर, आलू, मेंथा, तरबूज, खरबूजा, गेहूं जैसी फसलों का संतुलित चक्र अपनाने से उत्पादन बढ़ने के साथ भूमि की उर्वरता भी बनी हुई है। सरकार द्वारा उन्नत बीज, सिंचाई सुविधाएं और आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से फसलों की निगरानी और त्वरित समाधान से किसानों को समय पर सलाह मिल रही है। इसका सबसे अधिक लाभ छोटे और सीमांत किसानों को हुआ है।

सीएम योगी के नेतृत्व में लागू किसान हितैषी नीतियों ने इस परिवर्तन को संस्थागत आधार दिया है। टिश्यू कल्चर केले को बढ़ावा देकर किसानों को रोगमुक्त पौधे और बेहतर पैदावार का भरोसा मिला है। किसान सम्मान निधि से आर्थिक संबल मिला। एसपीओ के माध्यम से कृषि यंत्रों पर छूट और बीजों पर अनुदान ने लागत घटाई है।

गेहूं और धान की बिक्री के बाद 48 घंटे के भीतर सीधे बैंक खाते में भुगतान से किसानों का भरोसा और आत्मविश्वास बढ़ा है। सरकारी नीतियों, तकनीकी नवाचार और किसानों की मेहनत के समन्वय से उत्तर प्रदेश की खेती आज समृद्धि की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है।

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