नैनीताल,29 मई 2025 :
• नियमों की अनदेखी, घटिया मटेरियल और धीमी रफ्तार से हो रहा था काम, DM ने सचिव सिंचाई को भेजी रिपोर्ट
निरीक्षण में खुली पोल, निकलीं कई खामियां
हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्यों की सच्चाई तब सामने आई जब SDM हल्द्वानी, खनन अधिकारी और वन अधिकारी की टीम ने संयुक्त निरीक्षण किया। जांच में साफ हुआ कि काम में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत मिली अनुमति का गलत इस्तेमाल हो रहा था।
रेत-बजरी सीधा नदी से, बिना प्रोसेसिंग के कर रहे थे इस्तेमाल
निरीक्षण में सामने आया कि निर्माण कार्य के लिए नदी से अवैध रूप से रेत, गिट्टी और बोल्डर निकाले जा रहे थे, और उन्हें बिना स्क्रीनिंग और ग्रेडिंग के सीधे उपयोग में लाया जा रहा था। इससे निर्माण की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ रहा था।
ना प्लांट, ना परमिशन – सबकुछ चल रहा था मनमाने ढंग से
निर्माण कार्य में ना ही कंक्रीट मिक्सिंग प्लांट की स्थापना की गई थी और ना ही वन निगम से वैध खनिज खरीदे गए थे। DM की रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि कार्य की रफ्तार बेहद धीमी है और एजेंसी जिम्मेदारी से भाग रही है।
DM का एक्शन मोड: तुरंत रद्द की गई अनुमति
इन तमाम खामियों को देखते हुए जिलाधिकारी नैनीताल ने 30 मई को जारी की गई अनुमति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। साथ ही उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि जिम्मेदार एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
अब एक्सपर्ट एजेंसी से होगी निर्माण गुणवत्ता की जांच
DM ने सिफारिश की है कि स्टेडियम की सुरक्षा दीवार और बाढ़ सुरक्षा निर्माण की तकनीकी जांच किसी विशेषज्ञ संस्था से कराई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाहियां रोकी जा सकें।
भू-कटाव के खतरे में स्टेडियम, सुरक्षा पर उठे सवाल
फिलहाल गौलापार का ये अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भू-कटाव की सीधी जद में है। ऐसे में इस तरह की लापरवाही से बड़ा खतरा पैदा हो सकता था। अब जब मामला खुल चुका है, तो देखना होगा कि आगे सिंचाई विभाग और निर्माण एजेंसी पर क्या कार्रवाई होती है।