वाराणसी,26 जून 2025:
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने विज्ञान और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग की टीम ने एक ऐसी हर्बल आयुर्वेदिक आइसक्रीम तैयार की है, जो स्वाद के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाती है।
‘आयुर्वेदिक गन्ना कूल चुस्की’ की खासियत
इस आइसक्रीम को तुलसी, मुलेठी और सौंफ जैसी औषधीय जड़ी-बूटियों से 1:1:1 के अनुपात में तैयार किया गया है। इसमें दूध, क्रीम, चीनी और स्टेबलाइजर्स का भी उपयोग किया गया है। 90 दिन की स्टोरेज टेस्टिंग में इसके स्वाद, ताजगी और गुणवत्ता में कोई गिरावट नहीं पाई गई। यह शोध प्रतिष्ठित Journal of Stored Products में प्रकाशित हुआ है।
डॉ. अभिषेक गुप्ता और उनकी टीम ने इस आइसक्रीम को ‘आयुर्वेदिक गन्ना कूल चुस्की’ नाम दिया है। इसमें गन्ने के रस के साथ काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, नींबू, पुदीना, काला नमक और तरबूज का रस शामिल है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक है — न तो इसमें रिफाइंड चीनी है और न ही कोई प्रिजर्वेटिव।
यह आइसक्रीम इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ हीमोग्लोबिन की मात्रा संतुलित करती है। महिलाओं के लिए इसमें भरपूर आयरन, और बच्चों के लिए आवश्यक कैल्शियम है। गर्मी के मौसम में यह शरीर को इलेक्ट्रोलाइट सपोर्ट भी देती है।
किसानों के लिए आर्थिक अवसर
डॉ. गुप्ता के अनुसार, गन्ना किसान इस हर्बल आइसक्रीम को घरेलू स्तर पर बनाकर बाजार में बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी और आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी। फिलहाल इसे BHU हॉस्टल में छात्रों को परोसा जा रहा है और जल्द ही यह बाजार में भी उपलब्ध कराई जाएगी।
स्वाद और सेहत का अनूठा मेल
यह आइसक्रीम न तो कड़वी है, न ही कसैली। इसका स्वाद पूरी तरह से मीठा और सुखद है, और इसे गर्मी व ठंड दोनों मौसमों में खाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ और BHU के प्रोफेसरों ने इसका स्वाद चखकर इसकी सराहना भी की है।
निष्कर्ष
BHU की यह पहल आयुर्वेद और आधुनिक खाद्य विज्ञान का बेहतरीन संगम है। यह न केवल स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली को बढ़ावा देती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।