अंशुल मौर्य
वाराणसी, 3 मार्च 2025:
काशी की गलियां एक बार फिर श्रद्धा और उल्लास से सराबोर होने जा रही हैं। महाशिवरात्रि के बाद अब माता गौरा के गौना उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। 7 मार्च से शुरू होने वाला यह अनुष्ठान 10 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन भव्य पालकी यात्रा के साथ संपन्न होगा। इस आयोजन के साथ ही काशी में होली के उत्सव का आगाज होगा।
नागा संन्यासियों ने पहली बार बाबा को अर्पित की हल्दी
महाशिवरात्रि के बाद पहली बार नागा संन्यासियों ने बाबा को हल्दी अर्पित की। इस विशेष रस्म के लिए मेवाड़ से खास हल्दी मंगवाई गई थी। बाबा की रजत प्रतिमा के नगर भ्रमण की भी तैयारी की जा रही है, जिसका संयोजन पूर्व महंत कुलपति तिवारी के निधन के बाद उनके पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी कर रहे हैं।
महंत आवास में गूंजेंगे विवाह गीत, तैयारियां जोरों पर
गौरा गौना की रस्में शुरू होते ही महंत आवास विवाह गीतों से गूंजायमान रहेगा। परंपरा के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन माता गौरा की पालकी यात्रा निकलेगी, जिसमें काशीवासी महादेव संग माता गौरा को विराजमान कर मंदिर तक ले जाएंगे। इसके साथ ही काशी में रंगों और गुलाल की होली शुरू हो जाएगी।
नागा संन्यासियों संग काशीवासी खेलेंगे गुलाल की होली
रंगभरी एकादशी पर जब माता गौरा की डोली उठेगी, तब नागा संन्यासी और महादेव परिवार नगर भ्रमण करेगा। इस दौरान काशीवासियों द्वारा पारंपरिक रूप से गुलाल उड़ाकर उत्सव मनाया जाएगा।
गौना उत्सव का कार्यक्रम
7 मार्च: माता गौरा की हल्दी की रस्म
8 मार्च: लोकाचार एवं मंगल सगुन
9 मार्च: गौना के लिए बाबा का गौरा सदनिका आगमन
10 मार्च: गौरा गौना की भव्य पालकी यात्रा