
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025
आज के समय में रिलेशनशिप की दुनिया में कई तरह के नए ट्रेंड सामने आ रहे हैं। इन्हीं में से एक है घोस्टलाइटिंग (Ghostlighting), जो तेजी से एक टॉक्सिक रिलेशनशिप पैटर्न बनता जा रहा है। यह ट्रेंड मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि इसमें सामने वाला व्यक्ति बिना किसी सूचना के न केवल रिश्ता तोड़ देता है, बल्कि बाद में वापसी कर आपको ही दोषी ठहराता है।
‘Ghostlighting’ दो शब्दों से मिलकर बना है—‘Ghosting’ और ‘Gaslighting’। Ghosting का मतलब होता है अचानक बातचीत बंद कर देना और संपर्क से गायब हो जाना, वहीं Gaslighting में सामने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से आपको भ्रमित करता है कि आप ही गलत हैं। Ghostlighting इन दोनों का मिलाजुला रूप है, जिसमें इंसान पहले गायब हो जाता है और फिर लौटकर आपको ही दोषी ठहराने की कोशिश करता है।
इस ट्रेंड में सबसे पहले व्यक्ति अचानक आपको कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया सब जगह से इग्नोर करता है। कोई स्पष्टीकरण नहीं देता, कोई जवाब नहीं देता। लेकिन कुछ समय बाद वही व्यक्ति वापस आता है और ऐसा व्यवहार करता है जैसे कुछ हुआ ही न हो। कभी-कभी वह यह भी जताने लगता है कि आपने ही रिश्ता खराब किया, जिससे सामने वाला व्यक्ति खुद पर शक करने लगता है।
Ghostlighting के कुछ खास संकेत:
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अचानक बात बंद कर देना, बिना कोई वजह बताए गायब हो जाना।
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सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना लेकिन निजी तौर पर जवाब न देना।
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जबाव मांगने पर आपको ही ओवरथिंकिंग या पजेसिव बताना।
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थोड़े समय बाद फिर से बात शुरू करना और भ्रम की स्थिति बनाना।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स के अनुसार, Ghostlighting में फंसा व्यक्ति आत्मविश्वास खो सकता है, डिप्रेशन में जा सकता है और खुद को दोषी मानने लगता है। ऐसे में इस व्यवहार को पहचानना और इससे खुद को बचाना बेहद जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि आप ऐसे लोगों से दूरी बनाएं और समय रहते प्रोफेशनल मदद लें।






