
हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर,13 फरवरी 2025:
आदि शंकराचार्य ने किया सनातन धर्म का पुनरुत्थान
श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ महासन्निधानम के मंगलमय आशीर्वाद एवं दिव्य आदेश से विजय यात्रा लेकर बुधवार को गोरखपुर आगमन किए। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने, जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम के अभिनंदन के अवसर पर कहा कि एक समय ऐसा प्रतीत हुआ था कि सनातन धर्म का अस्तित्व लुप्त हो जाएगा, परन्तु भगवान आदि शंकराचार्य ने इसे पुनर्जीवित कर नवजीवन प्रदान किया।

उन्होंने बताया कि सनातन परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाने हेतु विजय यात्रा निकाली गई, शास्त्रार्थ किया गया और देश के चारों दिशाओं में चार प्रमुख धर्मपीठों की स्थापना की गई—उत्तर में ज्योतिर्मठ, पूरब में जगन्नाथ, पश्चिम में द्वारिका तथा दक्षिण में श्रृंगेरी पीठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि उन्हें कई अवसरों पर श्रृंगेरी पीठ का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जो उनकी आध्यात्मिक यात्रा और सनातन परंपरा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

गोरक्षपीठ में श्रृंगेरी पीठ की परंपरा का सतत आगमन
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर कालखंड में श्रृंगेरी पीठ की परंपरा का गोरक्षपीठ में आगमन होता रहा है। 1977 में प्रयागराज महाकुंभ के समय श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य गोरक्षपीठ आए थे। इसके बाद जगद्गुरु शंकराचार्य भारतीय तीर्थ जी महाराज और अब जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती जी का आगमन हुआ है।
प्रयागराज महाकुंभ: एकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ पूरे विश्व को एकता का संदेश दे रहा है। 45 दिनों के इस आयोजन में अब 14 दिन शेष हैं और अब तक 31 दिनों में 48 करोड़ श्रद्धालु गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने इसे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि नई काशी और नई अयोध्या हर सनातन धर्मावलंबी को आनंद की अनुभूति करा रही है।







