Uttar Pradesh

गोरखपुर ग्रामीण में बना टॉप परफॉर्मर, पीएम आवास योजना

गोरखपुर, 18 अक्टूबर 2024:

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में गोरखपुर पूरे प्रदेश में टॉप परफॉर्मर बन गया है। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड रैंकिंग में गोरखपुर सितंबर में सभी जिलों में अव्वल आया है। अगस्त में गोरखपुर की रैंकिंग 12वीं थी और स्वीकृत आवासों के सापेक्ष 99.56 प्रतिशत आवास पूर्ण कर, प्रगति प्रदर्शन में जबरदस्त कामयाबी हासिल करते हुए इसने खुद को यूपी टॉपर बना लिया है। जिले के अधिकारी इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन को देते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए अपने आवास (पक्के मकान) का सपना साकार करने में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण बड़े काम की साबित हुई है। योगी सरकार की पहल पर इस योजना के तहत अकेले गोरखपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 61 हजार से अधिक आवास बन चुके हैं। सीएम योगी की मंशा हर एक जरूरतमंद को पक्का मकान उपलब्ध कराने की है। इसके लिए शासन की तरफ से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण पर उनका खास ध्यान रहता है।

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में प्रदेश के सभी जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जारी रहती है। योजना के तहत आवास पूर्ण कर उपलब्धि हासिल करने के लिए हर जिला अपने स्तर पर पूरा प्रयास करता है। इस परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर सितंबर माह के जो आंकड़े जारी हुए हैं, उसमें प्रधानमंत्री आवास योजना में गोरखपुर की रैंकिंग पहले स्थान पर है। जबकि अगस्त माह में इसकी रैंकिंग 12वें नम्बर पर थी। पीएम आवास योजना ग्रामीण में गोरखपुर की रैंकिंग नम्बर वन होने पर खुशी जताते हुए मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना का कहना है कि शासन की मंशा के अनुरूप सभी पात्र व्यक्तियों के पक्के मकान तेजी से बने हैं। गिनती के कुछ आवास जो अपूर्ण हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द पूर्ण करा लिया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत गोरखपुर में सितंबर माह के जो आकंड़े आए हैं उन पर गौर करें तो अब तक कुल 61605 लाभार्थी पंजीकृत हैं। इन सभी के जिओ टैगिंग के बाद आवास स्वीकृत थे और 739 करोड़ 38 लाख रुपये खर्च कर इनमें से 61335 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। स्वीकृत के सापेक्ष पीएम आवासों की पूर्णता 99.56 प्रतिशत और जिले की रैंकिंग पहली है। अगस्त माह में यह रैंकिंग 12वें स्थान पर थी। उल्लेखनीय है कि प्रगति की निगरानी मुख्यमंत्री कमांड सेंटर से की जाती है।

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