दिल्ली में लापता युवक की खोज में क्राइम ब्रांच के DCP ने शुरू की जांच

mahi rajput
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नई दिल्ली,18 अक्टूबर 2024

साउथ वेस्ट दिल्ली में रहने वाली विमला के 19 साल के बेटे को गुम हुए आज दो साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। पर, उसे खोजने निकली दिल्ली पुलिस के हाथ आज भी खाली के खाली हैं, जो युवक की तलाश में तत्परता से लगे होने का लगातार दावा करती आ रही है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(AHTU), क्राइम ब्रांच तक इस युवक का पता लगाने में विफल रही, जिसकी तरह कुछ और लड़कों के गुम होने की शिकायतें भी पुलिस के पास हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने अब इसकी जांच की निगरानी का जिम्मा डीसीपी क्राइम ब्रांच को सौंपा है।

डीसीपी खुद जांच को मॉनिटर करेंगे

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने डीसीपी, क्राइम ब्रांच को निर्देश दिया कि वह खुद जांच को मॉनिटर करें और रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने संबंधित केस से जुड़ी सोशल मीडिया पोस्ट पर गौर किया जिससे जाहिर हो रहा था कि गुम होने वालों में केवल याचिकाकर्ता का बेटा ही नहीं है, कुछ और बच्चे भी हैं। बेंच ने 14 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा कि मामले की प्रकृति और इसमें शामिल संदिग्ध को देखते हुए, क्राइम ब्रांच से माइनर लड़के और और उसकी तरह ही गुम कुछ दूसरे बच्चों का पता लगाने के लिए तत्परता से कदम उठाने का अनुरोध किया जाता है। Whatsapp LLC को भी इस केस में उसकी जरूरत पड़ने में जरूरी मदद देने का निर्देश मिला। मामले में अगली सुनवाई अब 7 नवंबर को होगी।

पार्क में गया था बेटा और आज तक नहीं लौटाहाई कोर्ट ने बीते 16 अगस्त को इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की थी। 14 अक्टूबर की सुनवाई पर दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि तमाम कोशिशों के बावजूद, AHTU लापता इस लड़के का पता नहीं लगा पाई। केस के तथ्यों के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपने 19 वर्षीय बेटे को पेश करने का पुलिस को निर्देश देने की कोर्ट से गुहार लगाई। उसके मुताबिक, बेटा सुबह सैर और व्यायाम के लिए नजदीक के पार्क में गया था और तब से घर नहीं लौटा है। सागर पुर थाने की पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 का मुकदमा दर्ज किया।

जवाब में पुलिस ने दावा किया कि उसने याचिकाकर्ता के बेटे का पता लगाने के लिए हर संभव कदम उठाया, पर हाथ कुछ नहीं लगा। AHTU, DIU, साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस द्वारा 12 जुलाई को पेश रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ और ऐसे परिवार हैं जिन्होंने अपने बेटों के गुम होने की शिकायत दी। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, सत्यवीर सिंह मलिक नाम के एक संदिग्ध से पूछताछ के लिए देहरादून और सेलाकुई भी टीम गई। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट का ध्यान मलिक की ट्रूकॉलर आईडी के जरिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कुछ कमेंट की और खींचा, जिसमें लिखा था कि वह युवा बच्चों का पीछा करते हुए उन्हें फंसाता है और किडनैंपिंग स्कैंडल को संदिग्ध है। पुलिस ने मलिक का 9 अगस्त, 2024 को यहां रोहिणी, एफएसएल में पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया है।

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