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सरकार करेगी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से महंगाई के आंकड़े इकट्ठा

नई दिल्ली, 9 जून 2025

भारत सरकार ने महंगाई की सही तस्वीर पेश करने के लिए एक नया कदम उठाया है। अब देश में महंगाई (Consumer Price Index – CPI) के आंकड़ों में ब्लिंकइट, जेप्टो और बिगबास्केट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मिलने वाले उत्पादों की कीमतों को शामिल किया जाएगा। मौजूदा समय में महंगाई का आंकलन फिजिकल मार्केट के आधार पर किया जाता है, जिसमें किराने का सामान, पेट्रोल-गैस से लेकर टेलीफोन बिल तक शामिल होते हैं। लेकिन देश में बदलते उपभोक्ता व्यवहार को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऑनलाइन खरीदारी के डेटा को भी महंगाई के कैलकुलेशन में जोड़ने का निर्णय लिया है।

इस योजना के तहत देश के 12 प्रमुख शहरों से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध वस्तुओं की कीमतें एकत्रित की जाएंगी। ये शहर ऐसे होंगे जहां जनसंख्या 25 लाख से अधिक है। सरकार उन शहरों के लीडिंग ऑनलाइन विक्रेताओं से प्राइस डेटा लेगी, जिससे महंगाई का बेहतर आकलन हो सकेगा। उदाहरण के लिए, लखनऊ में चावल की कीमत के लिए बिगबास्केट, जबकि बेंगलुरु में जेप्टो या अमेजन का डेटा लिया जा सकता है।

फिलहाल, सरकार 1,181 ग्रामीण और 1,114 शहरी बाजारों से डेटा जुटाती है। नए मॉडल के लागू होने के बाद यह आंकड़ा लगभग 2,900 मार्केट्स तक पहुंच जाएगा। इसके साथ ही मोबाइल, इंटरनेट, केबल टीवी के रिचार्ज, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, हवाई और रेल यात्रा के किराए जैसे खर्चों को भी नए CPI में शामिल किया जा सकता है।

सरकार 2012 के बेस ईयर को बदलकर 2024 करने की भी योजना बना रही है। नया मॉडल 2026 से लागू हो सकता है, जिससे महंगाई की गणना और भी सटीक और वास्तविक समय पर हो सकेगी। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों स्तरों पर महंगाई की बेहतर समझ बनेगी और उपभोक्ता व्यवहार में हो रहे बदलाव को भी परखा जा सकेगा।

यह कदम देश की आर्थिक नीतियों और मौद्रिक फैसलों को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा, जिससे आर्थिक स्थिरता बनाए रखना आसान होगा।

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