
नोएडा, 11 मार्च 2025:
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग के उपायुक्त संजय सिंह (59) ने सोमवार को नोएडा के सेक्टर-75 स्थित अपनी सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सूत्रों के मुताबिक वे कैंसर से पीड़ित होने के चलते लंबे समय से अवसाद में थे। दूसरी तरफ, उनकी पत्नी अपर्णा ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि उनके पति ने कैंसर को मात दी थी, लेकिन विभागीय दबाव के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
यूपी के मऊ जिले के रहने वाले थे संजय सिंह
संजय सिंह मूल रूप से यूपी के मऊ जिले के रहने वाले थे और नोएडा के एपेक्स एथेना सोसाइटी में तीसरी मंजिल पर अपने परिवार के साथ रहते थे। वह गाजियाबाद में उपायुक्त के पद पर कार्यरत थे। सोमवार सुबह जब यह घटना हुई, तब घर पर उनकी पत्नी अपर्णा मौजूद थीं, जबकि दोनों बेटे बाहर थे। घटना के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पत्नी बोलीं… लगातार बनाया जा रहा था मानसिक दबाव
पत्नी अपर्णा ने आरोप लगाया कि संजय सिंह मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति थे। उन्होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराया था। उन्होंने कहा, “यह सामान्य आत्महत्या नहीं है, बल्कि व्यवस्था के कारण हुई मौत है। मेरे पति पर लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।”
विभागीय अधिकारियों में आक्रोश, सामूहिक अवकाश की घोषणा
संजय सिंह की आत्महत्या के बाद राज्य कर विभाग के अधिकारियों में आक्रोश फैल गया है। नाराज अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों के होली मिलन समारोह के बहिष्कार और होली के बाद सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है। विभाग में चर्चा है कि कैंसर से जंग जीतने के बाद संजय सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों से कार्यभार कम करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं दी गई। उनके पास सुप्रीम कोर्ट की पोस्टिंग के साथ-साथ गाजियाबाद खंड-2 का अतिरिक्त चार्ज भी था। इसके अलावा, उन्हें प्रतिदिन एमनेस्टी योजना के तहत पांच केस फाइल करने का लक्ष्य दिया गया था, जिससे वह अत्यधिक मानसिक दबाव में थे।






