कानपुर,30 नवंबर 2024
कानपुर में फर्जी गैंगरेप केस में 11 साल बाद तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया। 2012 में एक टीवी मैकेनिक अरुण कुमार गौड़ और दो अन्य लोगों को इस मामले में फंसाया गया था। तीनों को एक साल तक जेल में रहना पड़ा। इस घटना से आहत अरुण कुमार ने अपने बेटे ऋषभ और बेटी उपासना को वकालत की पढ़ाई कराई। दोनों वकील बने और अपने पिता की कानूनी लड़ाई लड़ी। कोर्ट में ऋषभ और उपासना ने सबूतों के साथ पिता की निर्दोषता साबित की, जिसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया।
अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट की अदालत ने अभियोजन पक्ष को घटना साबित न कर पाने के आधार पर यह फैसला सुनाया। इस दौरान आरोपियों में से एक की मौत हो गई थी। फर्जी मामले से लड़ने के लिए परिवार के प्रयास की कानपुर में काफी चर्चा हो रही है। बेटे और बेटी की कानूनी लड़ाई ने उनके पिता और अन्य आरोपियों को इंसाफ दिलाया।