एनसीएपी की कांफ्रेंस में बोले सीएम, कहा-सोलर सिटी के रूप में विकसित होंगे नगर निगम

TheHoHallaTeam
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गोरखपुर,13 मार्च 2025:

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम – एनसीएपी) पर नगर निगम की तरफ से एक होटल में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में हिस्सा लिया। समापन सत्र में सीएम ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी नगर निगमों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करेगी।

गोरखपुर में वायु गुणवत्ता सुधार पर पुस्तिका का विमोचन

समापन सत्र की थीम ‘2027 तक गोरखपुर को खुले में कचरा जलाने से मुक्त शहर बनाने का रोडमैप’ रखी गई थी। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में वायु गुणवत्ता सुधार पर आधारित एक पुस्तिका का भी विमोचन किया।
सीएम ने आगे कहा कि कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम स्तर पर लाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी और जन जागरूकता के समन्वय से ही अच्छे परिणाम आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य तय किया है उसमें राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय स्तर तक के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इन कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों के जरिये जन सहभागिता भी होनी चाहिए क्योंकि कोई भी आंदोलन जन सहभागिता के बिना सफल नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने

गांधी जी का किया उल्लेख, कहा प्रकृति आवश्यकता पूरी करती है लोभ नहीं

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के एक उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रकृति सबकी आवश्यकता की पूर्ति कर सकती है पर किसी के लोभ को पूरा करने का सामर्थ्य उसमें नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रकृति-पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में चलाए गए कार्यक्रमों का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम स्तर पर लाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ का नतीजा सबने कोविड काल में देखा है। कोविड के दूसरे लहर में लोग ऐसे ही तड़प रहे थे जैसे जल से निकली मछली तड़पती है। उन्होंने कहा की मानव से तैयार विकृतियों का दुष्परिणाम मानव को खुद ही भुगतना होगा।

एलईडी से हुई एक हजार करोड़ की बचत, सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया प्रतिबंध

काबर्न उत्सर्जन को न्यूनतम करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2017 से राज्य सरकार ने प्रदेश से 17 लाख हैलोजन हटाकर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगवाई है। इस व्यवस्था से निकायों में एक हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। पर्यावरण संरक्षण के लिए ही सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया। इसके समानांतर विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू कर मिट्टी के उत्पादों को बढ़ावा दिया। मिट्टी के कारीगरों को क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक और सोलर चाक दिए गए। इससे प्लास्टिक के कचरे से तो मुक्ति मिली ही, रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए।

सीएम ने समझाया महाकुंभ की सफलता का रहस्य

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ की सफलता का रहस्य भी समझाया। उन्होंने कहा कि लोग स्नान तो अपने घर पर भी कर लेते हैं लेकिन वहां मां गंगा-यमुना को देखने और त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य का भागीदार बनने आ रहे थे। यदि वहां जल नहीं होता, गंदगी और अव्यवस्था होती, कनेक्टिविटी नहीं होती तो कोई नहीं आता। प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि महाकुंभ के दौरान गंगा में 10 से 12 क्यूसिक और यमुना में 8 से 10 क्यूसिक पानी मेंटेन रहे। ऐसा नहीं होता तो पहले ही चरण में महाकुंभ मेला उखड़ गया होता।

एनसीएपी के निदेशक ने कहा- देश के 55 व यूपी के 13 शहरों की वायु गुणवत्ता सुधरी

कार्यक्रम में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के निदेशक डॉ. प्रशांत भार्गव ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में देश के कुल 131 और उत्तर प्रदेश के 17 शहर शामिल हैं। देश के जिन 55 शहरों में 20 प्रतिशत से अधिक वायु गुणवत्ता में सुधार आया है उनमें से 13 शहर यूपी के हैं। यूपी के 9 शहरों में 40 प्रतिशत से अधिक सुधार आया है। गोरखपुर में वायु गुणवत्ता में सुधार 60 प्रतिशत से अधिक है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन से संभव हुआ है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सीएम योगी का अप्रोच अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायी है।

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