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संकट मोचन मंदिर में हनुमज्जयंती के कार्यक्रम तय, खास होगा संगीत समारोह

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 10 अप्रैल 2025:

वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन 12 अप्रैल से हनुमज्जयंती महोत्सव का शुभारंभ विशेष श्रृंगार, झांकी, आरती और पूजन के साथ होगा। इस दौरान कीर्तन, सुंदरकांड पाठ के साथ रामायण सम्मेलन भी होगा। वहीं खास संगीत समारोह में गायन, वादन, मृत्य की विधा में माहिर देश के पदम् श्री प्राप्त 11 कलासाधकों के साथ अन्य नामचीन कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे।

मंदिर के महंत ने साझा किए कार्यक्रम

मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने एक पत्रकार वार्ता में 12 अप्रैल से शुरू हो रहे 10 दिवसीय आयोजन की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि 12 अप्रैल को प्रात:काल से ही मंदिर प्रांगण में शहनाई की मधुर धुनें गूंजेंगी। ब्राह्मणों द्वारा रुद्राभिषेक, श्री रामचरित मानस का एकाह पाठ, श्री सीताराम संकीर्तन, रामार्चा पूजन और वाल्मीकि रामायण के सुंदरकांड का पाठ भक्तों को राममय कर देगा। शाम 5 बजे रामकृष्ण मिशन की कीर्तन मंडलियां संकीर्तन करेंगी।

रामायण सम्मेलन में भाग लेंगे मानस वक्ता

13 से 15 अप्रैल तक मंदिर में सार्वभौम रामायण सम्मेलन का आयोजन होगा। इस दौरान काशी और देश भर से आए प्रसिद्ध मानस वक्ता अपनी वाणी से भक्तों को मंत्रमुग्ध करेंगे। पं. उमाशंकर शर्मा (बरेली), पं. किशन उपाध्याय (किशनगंज), डॉ. चंद्रकांत चतुर्वेदी और प्रो. नलिन श्याम कामिल जैसे विद्वान हर शाम 5 से रात 10 बजे तक कथा का रसपान कराएंगे।

पदम् श्री कलासाधकों संग 102 वीं वर्षगांठ मनाएगा संकट मोचन संगीत समारोह

हनुमज्जयंती के इस महापर्व का सबसे आकर्षक हिस्सा होगा 16 से 21 अप्रैल तक चलने वाला छह दिवसीय संकट मोचन संगीत समारोह। इस बार 102वें वर्ष में यह आयोजन शास्त्रीय संगीत की अनमोल थाती को समेटे हुए होगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों की प्रस्तुतियां रात भर मंदिर प्रांगण को संगीत की स्वर लहरियों से भर देंगी। खास बात यह कि इस बार पदम् श्री प्राप्त 11 और 16 नए कलासाधक पहली बार अपनी कला का जादू बिखेरेंगे।

कार्यक्रम विवरण:

16 अप्रैल- पंं. हरिप्रसाद चौरसिया (बांसुरी), श्रीमती जननी मुरली (भरत नाट्यम), पंं. राहुल शर्मा (संतूर), डा. येल्ला वेंकटेश्वर राव (मृदंगम), पं. प्रवीण गोडखिंडी (बांसुरी), पं. अजय पोहनकर (गायन), पं. विकास महाराज, विभाष महाराज (सरोद-सितार), रोहित पवार कथक।

17 अप्रैल- श्रीमती लावण्या शंकर (भरतनाट्यम), डा. राजेश शाह सितार, पं. अजय चक्रवर्ती (गायन), श्री विवेक पांड्या (तबला सोलो), पं. पूर्वायन चटर्जी (सितार), सोहिनी राय चौधरी (गायन), मंजूनाथ माधवप्पा नागराज माधवप्पा (वायलिन), पं. नीरज पारिख (गायन)

18 अपैल- यू राजेश (मैंडोलिन) पं. शिवमणि (जूम), सौरव-गौरव मिश्रा (कथक), ओंकार हवलदार (गायन) पं. विश्वमोहन भट्ट, सलील भट्ट (मोहन वीणा-सात्विक वीणा), सुश्री दीपिका वरदराजन (गायन), पं. राजेंद्र सेजवार (गायन), पं. अभय रुस्तम सोपोरी (संतूर), पं. हरिश तिवारी (गायन)।

19 अप्रैल- श्रीमती वी. अनुराधा सिंह (कथक), पं. साहित्य कुमार नाहर -पं. सोतष नाहर (सितार-वायलिन) उस्ताद वसिफउद्दीन डागर (ध्रुपद), पं. जयदीप घोष (सरोद), पं.रामशंकर सुश्री स्नेहा शंकर (गायन), प्रभाकर -दिवाकर कश्यप (गायन), कंकना बनर्जी (गायन)।

20 अप्रैल- श्रीमती नयनिका घोष (कथक), अभिषेक लाहिडी (सरोद), अरमान खां (गायन), पं. तरुण भट्टाचार्य (संतूर), पं. जयतीर्थ मेउन्डी (गायन), श्रीमती शाहना बनर्जी (सितार), पं. संजू सहाय (तबला सोलो)।

21 अप्रैल- पं. रतिकांत महापात्र (ओडिसी), पं. उल्हास कसालकर (गायन), उस्ताद मेहताब अली नियाजी (सितार), पं. अनूप जलोटा (गायन), पं. सुरेश गंधर्व (गायन), पं. रोनू मजूमदार- ऋषिकेश मजूमदार (बांसुरी), पं. साजन मिश्र- स्वरांश मिश्र (गायन)।

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