हापुड़, 6 दिसंबर 2025:
यूपी के हापुड़ जिले के अक्खापुर गांव में शनिवार को एक खास माहौल देखने को मिला जहां किसानों की ओर से आयोजित ‘कृषि चौपाल’ में लगभग 450 अन्नदाता शामिल हुए। खेतों के बीच खुले आसमान तले हुई इस चौपाल में किसानों ने अपनी मेहनत, चुनौतियों और सरकार के फैसलों से आए बदलावों पर खुलकर चर्चा की। खास बात यह रही कि आयोजन से लेकर संचालन तक हर जिम्मेदारी खुद किसानों ने संभाली।
चौपाल में उपस्थित किसानों ने कहा कि प्रदेश में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और बिना रुकावट के मिलने वाली बिजली ने खेती को नया संबल दिया है। कई किसानों ने बताया कि अब खेतों में चोरी की घटनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं। बिचौलियों का दबदबा भी खत्म हुआ है। उनका कहना था कि आज खेती सिर्फ मेहनत नहीं, भरोसे का काम बन गई है। फसल का उचित दाम मिलने और समय से भुगतान होने पर किसान फिर से आत्मविश्वास के साथ भविष्य की योजना बना पा रहे हैं।

राजेंद्र सिंह और महिपाल सिंह ने गन्ना किसानों के अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों में भुगतान की प्रक्रिया में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि इस पेराई सत्र में सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति कुंतल की वृद्धि ऐतिहासिक कदम है। अगेती प्रजाति का मूल्य 370 से बढ़ाकर 400 रुपये और सामान्य प्रजाति का मूल्य 360 से बढ़ाकर 390 रुपये प्रति कुंतल किए जाने से किसानों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। अनुमान है कि इस वृद्धि से प्रदेश के गन्ना किसानों को लगभग 3000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।
दानबीर सिंह और जोगिंदर सिंह ने चौपाल में कानून-व्यवस्था में आए सुधारों पर चर्चा की। उनका कहना था कि 2017 के बाद से प्रदेश में अपराधों में भारी गिरावट देखी गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। इसी भरोसे ने किसानों को नई योजनाओं और आधुनिक खेती की ओर बढ़ने का साहस दिया है।
मनबीर प्रधान ने कहा कि मौजूदा निर्णय गरीब और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए राहत लेकर आए हैं। गन्ना मूल्य वृद्धि से प्रदेश के लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, जो परिवारों में खुशहाली लाने वाला कदम है। चौपाल में रमेश सिंह, अमरपाल सिंह, संसारपाल सिंह, सुदेश सिंह, भुजबीर सिंह, लोकेंद्र सिंह और जयपाल सिंह सहित कई किसान मौजूद रहे।
इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए 7 और 8 दिसंबर को शामली जनपद के गेहरनी और बुच्चाखेड़ी गांव में ‘कृषि चौपाल’ का आयोजन होगा। इसके बाद 10-11 दिसंबर को मुजफ्फरनगर के यहियापुर व दाहोद गांव में चौपालें लगेंगी। किसानों का फीडबैक सरकार तक पहुंचाकर और भी बेहतर योजनाएं तैयार करने की तैयारी है, ताकि अन्नदाताओं का जीवन और स्थायी रूप से सुधर सके।





