एमएम खान
मोहनलालगंज (लखनऊ), 24 नवंबर 2025:
राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज के धर्मावत खेड़ा में श्रीधाम वृंदावन से आए कथावाचक महाराज दिनेशानंद मृदुल महाराज ने शिव पार्वती विवाह का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महाभारत केवल युद्ध का ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन के लिए दिशा और दृष्टि प्रदान करने वाला शिक्षापुंज है।
महाराज श्री ने आगे कहा कि मनुष्य को अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान, भाइयों में प्रेम, और अपने से छोटे पद पर कार्यरत व्यक्तियों के प्रति आदर का भाव रखना चाहिए। प्रत्येक परिस्थिति का धैर्य और साहस के साथ सामना करना चाहिए। किसी भी निर्णय के दौरान हृदय और मस्तिष्क दोनों का समन्वय आवश्यक है, तथा निर्णय लेने से पहले अपने बड़ों को विश्वास में अवश्य लेना चाहिए और दूसरों के बहकावे में नहीं आना चाहिए।
महाराज श्री ने जोर देकर कहा कि पुरुषार्थ से अर्जित संपत्ति और परिवार की प्रतिष्ठा को कभी भी दांव पर नहीं लगाना चाहिए। जीवन में गीता सार का नियमित स्वाध्याय मनुष्य को सत्य की ओर ले जाता है।कथा के अंतिम चरण में उन्होंने सती के देह त्याग और शिव-पार्वती विवाह का वर्णन किया। वर्णन सुनकर पूरा पंडाल ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा। इस मौके पर आयोजक शिव प्रताप सिंह, मनोज सिंह अमरेंद्र सिंह सहित अनुराग सौरभ,अभिषेक व अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।






