नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित नेता और उन्नाव बलात्कार मामले के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को आंख की सर्जरी कराने के लिए 4 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने उनकी सजा निलंबित करते हुए कहा कि सेंगर की मोतियाबिंद की सर्जरी मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में होनी है।
अदालत ने उन्हें 5 फरवरी को जेल प्राधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, “…हमारा मानना है कि आवेदक की चिकित्सा प्रक्रिया के उद्देश्य से सज़ा को निलंबित किया जाना चाहिए, जो 4 फ़रवरी, 2025 के लिए तय की गई है, जो 20 दिसंबर, 2024 के आदेश में निर्धारित शर्तों के अधीन है। आवेदक को 5 फ़रवरी को जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।”
नेता के वकील ने अदालत को बताया कि सेंगर की सर्जरी उनके नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण निर्धारित तिथि से पहले नहीं की जा सकी।
उन्होंने कहा कि दो दिन का और समय चाहिए, क्योंकि सेंगर को चिकित्सा प्रक्रिया के लिए एम्स में भर्ती होना जरूरी है, जिसके लिए अब 4 फरवरी की तारीख तय की गई है।
अदालत ने इससे पहले भी राजनेता को सर्जरी के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
पीड़िता के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि सेंगर को अनंत काल तक अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।
सेंगर की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका, जो बलात्कार मामले में दिसंबर 2019 के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ उनकी अपील का हिस्सा थी, हाईकोर्ट में लंबित है। उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा को रद्द करने की मांग की है।
नाबालिग लड़की को 2017 में सेंगर ने कथित तौर पर अगवा कर लिया था और उसके साथ बलात्कार किया था।
1 अगस्त, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बलात्कार का मामला और अन्य संबंधित मामले उत्तर प्रदेश की एक ट्रायल कोर्ट से दिल्ली स्थानांतरित कर दिए गए थे।