
नई दिल्ली, 9 जून 2025:
भारतीय वायुसेना (IAF) को जल्द ही अत्याधुनिक जासूसी विमान I-STAR मिलने वाले हैं। रक्षा मंत्रालय 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से तीन I-STAR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टारगेट एक्विजीशन एंड रीकॉनिसेंस) विमान खरीदने का प्रस्ताव जून के चौथे सप्ताह में होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में रखेगा। इन विमानों की खरीद से भारत की निगरानी और लक्ष्य साधने की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
I-STAR एक मल्टीरोल जासूसी सिस्टम है, जो हवा से दुश्मन की जमीनी गतिविधियों पर नजर रखने और टारगेट को चिन्हित कर हमला करने में सक्षम है। इन विमानों में एयरबोर्न और ग्राउंड दोनों सेगमेंट होंगे, जिससे ये दिन-रात किसी भी मौसम में खुफिया जानकारी जुटा सकेंगे। इसे DRDO के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स (CABS) द्वारा विकसित किया गया है। विमान विदेशी कंपनियों जैसे बोइंग या बॉम्बार्डियर से खरीदे जाएंगे, लेकिन इन पर लगे उपकरण पूरी तरह स्वदेशी होंगे।
I-STAR का संचालन हाई एल्टीट्यूड और स्टैंडऑफ रेंज से किया जाएगा, जिससे यह सुरक्षित दूरी से भी निगरानी कर सकेगा। इसमें अनियमित बलों की पहचान, ट्रैकिंग और लोकेशन की बहुआयामी क्षमता होगी। इससे सेना को लक्ष्य पर सटीक हमला करने में भी सहायता मिलेगी।
इस तकनीक के साथ भारत अमेरिका, यूके और इजराइल जैसे उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिनके पास ऐसे अत्याधुनिक जासूसी विमान हैं। अमेरिका का SR-71, P-8 पोसिडॉन और B-2 स्पिरिट जैसे विमान पहले से इस श्रेणी में शामिल हैं। भारत के पास वर्तमान में भी P-8I विमान और रूसी मूल के A-50 जैसे प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन I-STAR इनसे कहीं ज्यादा आधुनिक और स्वदेशी क्षमताओं से लैस होगा।
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, I-STAR भारतीय सुरक्षा बलों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है, खासकर जब बात सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने की हो।