
पटना, 5 मई 2025
बिहार में आगामी चुनाव के लिए सारी पार्टियों की तैयारियां तेज हो गई हैं। ऐसे में बिहार में हर दल में आपस के गठबंधन को लेकर मिलने और टूटने की भी खबरों ने रफ्तार पकड़ ली है। गठबंधन के इस विषय में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बिहार में कोई पार्टी है तो वो है JDU इसी को लेकर के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो लगातार पांचवीं बार सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं, ने रविवार को कहा कि वह एनडीए में बने रहेंगे और साथ ही अगर पार्टी दोबारा एक बार फिर से सत्ता में आती है तो इसका सारा का सारा श्रेय भाजपा को ही दिया जाएगा ।
जद (यू) सुप्रीमो श्री कुमार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात दोहराई, जिसमें देश भर से हजारों युवा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
पिछले दशक में कई बार साझेदार बदलने वाले सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने कहा, “मैं हमेशा यहीं रहूंगा। मेरी पार्टी ने मुझे पहले भी कई बार यहां-वहां भेजा है। लेकिन ऐसा दोबारा नहीं होने वाला। मुझे (मुख्यमंत्री) किसने बनाया? स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने।” उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार 1990 के दशक के मध्य से ही भाजपा के सहयोगी रहे हैं, लेकिन 2013 में उन्होंने अपने तत्कालीन गुजरात के समकक्ष नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता हासिल करने से असंतुष्ट होकर अलग रास्ता अपना लिया था।
हालांकि एक साल बाद लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा और पीएम मोदी प्रधानमंत्री बन गए, लेकिन श्री कुमार अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ अल्पकालिक गठबंधन की बदौलत अपनी जमीन बचाने में सफल रहे, जिनसे उन्होंने 2017 में नाता तोड़कर एनडीए में वापसी कर ली।
यह गठबंधन 2022 तक जारी रहा, जब कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ हाथ मिलाया और भाजपा को हराने की कसम खाई, तथा पूर्व सहयोगी पर जद (यू) को विभाजित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
हालांकि, पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले, 70 वर्षीय नेता एनडीए में वापस आ गए थे और उन्होंने उस इंडिया ब्लॉक को छोड़ दिया था, जिसे बनाने में उन्होंने भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाकर मदद की थी।






