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IAEA प्रमुख राफाएल ग्रोसी के बयान ने पलटा ईरान-इजराइल युद्ध का नैरेटिव, नेतन्याहू कटघरे में

वियना | 20 जून 2025
ईरान और इजराइल के बीच जारी भीषण युद्ध के बीच एक अंतरराष्ट्रीय बयान ने जंग की दिशा ही बदल दी है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के डायरेक्टर जनरल राफाएल ग्रोसी ने साफ कर दिया है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इस बयान ने इजराइल के उस दावे की बुनियाद को झकझोर कर रख दिया है, जिसमें उसने युद्ध की शुरुआत ईरान के न्यूक्लियर खतरे के आधार पर की थी।

ग्रोसी ने CNN को दिए इंटरव्यू में कहा कि IAEA को ईरान द्वारा न्यूक्लियर वेपन डेवेलप करने जैसा कोई प्रमाण नहीं मिला है। जबकि इजराइल ने अपने सैन्य अभियान की शुरुआत इसी खतरे का हवाला देकर की थी। इस बयान के बाद अब इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की रणनीति और दलीलों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

राफाएल ग्रोसी अर्जेंटीना के वरिष्ठ राजनयिक हैं और दिसंबर 2019 से IAEA के महानिदेशक पद पर कार्यरत हैं। परमाणु अप्रसार और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में उन्हें चार दशक का अनुभव है। इससे पहले वह OPCW और NSG जैसे संगठनों में भी अहम पदों पर रह चुके हैं।

ग्रोसी के बयान पर ईरान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने IAEA पर भ्रामक रिपोर्टों के जरिए इजराइल के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप लगाया। ज़रीफ़ ने ग्रोसी को बेकसूरों की मौत का जिम्मेदार बताते हुए एजेंसी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।

ग्रोसी की इस टिप्पणी ने युद्ध के नैरेटिव को उलट दिया है और इजराइल की सैन्य कार्रवाई की वैधता पर अंतरराष्ट्रीय बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह बयान युद्ध के मोर्चे पर क्या असर डालता है।

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