
मुंबई, 20 जून 2025
महाराष्ट्र की राजनीति में भाई-भाई के बीच जारी गठबंधन की संभावना और राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के साथ राज ठाकरे की सीएम के साथ बैठक से अब राज्य की राजनीति में गरमाहट तेज हो गई है।
गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसी के चलते भाजपा पर आरोप लगाया कि वह नगर निगम चुनावों से पहले उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन की संभावना को विफल करने का प्रयास कर रही है। अपने पिता दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा गठित अविभाजित शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी को चेतावनी दी कि यदि उसने ”ठाकरे ब्रांड” को नुकसान पहुंचाया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उद्धव ने कहा कि मराठी पार्टियों के गठबंधन की संभावना को विफल करने के लिए होटलों और अन्य जगहों पर बैठकें की जा रही हैं।
वह जाहिर तौर पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ शहर के एक पांच सितारा होटल में हुई हाल की मुलाकात का जिक्र कर रहे थे। ठाकरे ने नाना पाटेकर अभिनीत फिल्म ‘प्रहार’ के एक संवाद को दोहराते हुए कहा, “लोग जो चाहते हैं, वही होगा। हम देखेंगे कि यह कैसे किया जाता है। भाजपा और शिंदे सेना नहीं चाहती कि मराठी पार्टियां एकजुट हों। यदि आप ठाकरे ब्रांड को खत्म करने की कोशिश करेंगे, तो हम भाजपा को खत्म कर देंगे। मैं तैयार हूं। मैं भाजपा से कहना चाहता हूं…..जब आप मुझे लेने आएं….अपने लिए एम्बुलेंस लेकर आएं।”
हाल ही में ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि दोनों ठाकरे चचेरे भाई गठबंधन कर सकते हैं, क्योंकि मुंबई और राज्य में अन्य स्थानों पर निकाय चुनाव निकट हैं। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में हिंदी को किसी भी कीमत पर थोपने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा निकाय चुनावों की पूर्व संध्या पर मराठी और हिंदी भाषियों के बीच विभाजन पैदा करना चाहती है।’’ उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी मुंबई नगर निकाय में अपनी जीत बरकरार रखेगी। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि भाजपा के पास अपनी कोई विरासत नहीं है और उसे सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल प्रतिमा स्थापित करनी पड़ी, जिन्होंने देश के गृह मंत्री रहते हुए आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
भाजपा नीत महायुति के घोषणापत्र में लड़की बहन योजना के तहत महिलाओं को 2,100 रुपये देने और किसानों की कर्ज माफी की बात कही गई है, जिसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के बाद इन वादों को पूरा नहीं किया। 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद सीएम पद को लेकर भाजपा से अलग हुए ठाकरे ने कहा, ”उन्होंने मुझसे वादा किया था कि शिवसेना के पास ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद होगा, लेकिन उन्होंने वादा नहीं निभाया।”
ठाकरे ने दावा किया कि जब विपक्ष ने इंडिया गठबंधन बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गुट की तुलना आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से की थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी ने भारत का पक्ष रखने के लिए इसी विपक्षी गुट के सांसदों को दुनिया भर में भेजा था। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जिन्होंने सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी को “पाकिस्तानी आतंकवादियों की बहन” कहा था। उन्होंने पूछा, ”पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया है?” ठाकरे ने कहा कि भाजपा विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करती है और फिर उन्हें पार्टी में शामिल कर लेती है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ”भाजपा ने जेलों के बाहर पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराने के लिए स्टॉल लगा दिया है। अब केवल (गैंगस्टर) दाऊद इब्राहिम को ही पार्टी में शामिल करना बाकी रह गया है।”
महायुति सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए ठाकरे ने कहा कि यदि “मूल” भाजपा कार्यकर्ताओं में जरा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें उन लोगों के अपनी पार्टी में प्रवेश का विरोध करना चाहिए जिन पर उन्होंने अतीत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। ठाकरे ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए मुंबई को अडानी समूह को “मुफ्त” में दे रही है।उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी शिवसेना की रैली को भी “चोरों का जमावड़ा” करार दिया।






