
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025
कुछ महीने बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ही वोटर्स को एक बड़ा झटका लगने वाला है। हाल ही में भारतीय चुनाव आयोग ने बिहार मतदाता सूची से 61.1 लाख मतदाताओं को हटाने के लिए अपनी कमर कस ली है। बता दे कि इस एक विशेष प्रक्रिया के तहत गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के हिस्से के रूप में, उन्हें गणना फॉर्म जमा करने की समय सीमा से एक दिन पहले हटा दिया जाएगा।
चुनाव आयोग ने कहा कि 21.6 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो गई है, 31.5 लाख बिहार को स्थायी रूप से छोड़ चुके हैं, 7 लाख दो स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं और 1 लाख लापता हैं। यदि बड़ी संख्या में मतदाताओं को हटाया जाता है, तो बिहार की 243 विधानसभा सीटों में प्रति निर्वाचन क्षेत्र औसतन 25,144 नाम हटाए जाने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि इसका आगामी विधानसभा चुनाव के परिणामों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
ऐसा कहा जाता है कि एक संभावना है कि वोटों को हटाने से उम्मीदवारों पर असर पड़ेगा क्योंकि पिछले चुनावों में कई उम्मीदवार संकीर्ण अंतर से जीते थे। हालांकि, विपक्षी कांग्रेस और राजद चुनाव आयोग के फैसले का विरोध कर रहे हैं। वे इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बता रहे हैं। वे इस मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद में ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।






