लखनऊ, 23 अगस्त 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सभागार में आयोजित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि सुशासन का लक्ष्य प्राप्त करना है, तो हमें न्याय को सुगम और त्वरित बनाना होगा।
सीएम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और अन्य वरिष्ठ न्यायमूर्ति के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ ने अपने 102 वर्षों के इतिहास में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को विकसित भारत के संकल्प से जोड़ा है, और हम राज्य में कार्य कर रहे हैं ताकि ‘विकसित भारत का विकसित उत्तर प्रदेश’ और ‘विकसित उत्तर प्रदेश का विकसित जनपद’ बन सके।
सीएम योगी ने जोर दिया कि यह केवल एक संघ का अधिवेशन नहीं है, बल्कि यहां ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ पर भी ध्यान केंद्रित करने का प्रयास होता है, जो किसी भी संस्था के भविष्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन ऐसे समय में हो रहा है जब हम भारत के संविधान के लागू होने का अमृत महोत्सव वर्ष मना रहे हैं, और यह उत्तर प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों के महाकुंभ जैसा है।
सीएम ने कहा कि किसी भी राज्य की छवि को वहां के लोगों में विश्वास के रूप में स्थापित करने में न्यायपालिका की बड़ी भूमिका होती है। तीन नए कानून अब दंड पर आधारित नहीं, बल्कि न्याय की सुदृढ़ व्यवस्था पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 10 जनपदों में इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इसके अलावा पॉक्सो कोर्ट, फास्ट ट्रैक कोर्ट और अन्य न्यायालयों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 381 न्यायालयों का गठन पूरा किया जा चुका है। सीएम ने प्रदेश सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ को 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड देने की भी घोषणा की।