वाराणसी, 11 सितंबर 2025:
यूपी के वाराणसी में गुरुवार को भारत और मॉरिशस के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और दोनों देशों ने आपसी सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी में मॉरिशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का स्वागत करते हुए कहा कि काशी भारतीय सभ्यता और संस्कृति की आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “भारत और मॉरिशस सिर्फ पार्टनर नहीं बल्कि परिवार हैं।”
मोदी ने चागोस समझौते पर मॉरिशस को बधाई दी और इसे संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मॉरिशस की संप्रभुता के समर्थन में खड़ा रहा है। मोदी ने घोषणा की कि भारत ने मॉरिशस की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए एक विशेष आर्थिक पैकेज तैयार किया है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, रोजगार बढ़ाएगा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेगा। साथ ही भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरिशस में स्थापित हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का भी उल्लेख किया और कहा कि वे केवल मॉरिशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत–मॉरिशस रिश्तों के मजबूत सेतु भी थे।
ऐतिहासिक स्वागत से मॉरिशस के पीएम हुए गदगद
मॉरिशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने भारत की अपनी यात्रा के दौरान वाराणसी में मिले भव्य स्वागत के लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी पहुंचते ही उन्हें और उनकी पत्नी को जिस गर्मजोशी से स्वागत मिला, वह अभूतपूर्व था।
रामगुलाम ने कहा, “मैं आपको, प्रधानमंत्री और आपकी सरकार को हमारे आगमन के बाद से मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के प्रति दिखाए गए उदार शिष्टाचार के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। वाराणसी में हमें जो सम्मान मिला, उससे हम दोनों ही आश्चर्यचकित रह गए। मेरा मानना है कि किसी भी अन्य प्रधानमंत्री को ऐसा स्वागत कभी नहीं मिला होगा।”