नई दिल्ली, 2 अगस्त 2025:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ थोपने और रूस से तेल खरीदने पर आपत्ति जताने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव की स्थिति बन गई है। ट्रंप ने अपने बयान में दावा किया था कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और यह एक “अच्छा फैसला” होगा। हालांकि, भारत सरकार और तेल कंपनियों ने इन दावों को खारिज करते हुए साफ किया है कि रूस से तेल की खरीद जारी रहेगी।
भारतीय तेल कंपनियों ने कहा है कि उन्हें सरकार की ओर से रूस से तेल खरीदने पर रोक का कोई निर्देश नहीं मिला है। कंपनियों के मुताबिक, यह विषय फिलहाल किसी भी तरह की चर्चा में नहीं है और व्यापार पहले की तरह सामान्य रूप से चल रहा है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत अमेरिका के दबाव में कोई नीति नहीं बदलेगा।
ट्रंप ने हाल में 70 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया। भारत पर 25% टैरिफ और रूस से रक्षा सौदों के कारण जुर्माना लगाने की बात ट्रंप ने साफ तौर पर कही थी। हालांकि एक ओर वह भारत को “दोस्त” बताते हैं, तो दूसरी ओर व्यापार घाटे और रूस से बढ़ते रिश्तों को लेकर असंतोष भी जाहिर कर रहे हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से संकेत दिया है कि तेल आपूर्ति एक रणनीतिक और आर्थिक जरूरत है, जिसे राजनीतिक दबाव से नहीं चलाया जा सकता।
गौरतलब है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक और निर्यातक देश है। भारत उसकी सस्ती दरों पर मिलने वाली तेल आपूर्ति को लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी मानता रहा है। अमेरिकी दबाव के बावजूद, भारत इस दिशा में अपने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देता नजर आ रहा है।